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Sunday 29 June 2008

अमीर भारतीय महिला की क्रूरता

अमेरिका में भारतीय मूल की एक महिला को अपने घर में दो इंडोनेशियाई नौकरानियों को गुलाम बनाकर रखने के आरोप में 11 वर्ष की कैद की सजा सुनाई गई है। सेंट्रल इस्लिप की जिला अदालत ने 46 वर्षीया वर्षा सभनानी को 11 वर्ष की कैद के अलावा उसे तीन वर्ष के प्रोबेशन और 25 हजार डॉलर जुर्माने की सजा भी सुनाई गई है। वर्षा के साथ उसके करोड़पति पति महेंद्र सभनानी को भी दोषी पाया गया। माना जा रहा है कि महेंद्र को शुक्रवार को सजा सुनाई जाएगी। उन्हें दो से तीन वर्ष की कैद की सजा मिल सकती है।

वर्षा
ने जिन दो महिलाओं को गुलाम बनाकर रखा था, उसमें से एक 2002 और दूसरी 2005 में इंडोनेशिया से आई थी। इन दोनों को वर्षा पैसे नहीं देती थी बलिक इनके परिवार वालों को सौ डॉलर प्रति महीने भेज देती थी। उनके पासपोर्ट और सभी कानूनी कागजात छीन लिए गए थे और उन्हें लगातार मारा-पीटा जाता था, भूखे रखा जाता था। एक बार जब एक नौकरानी भूख बर्दाश्त नहीं कर पाने के कारण कचरे के डिब्बे से खाना बीन कर खाने लगी तो वर्षा ने उसे लाल मिर्चियां खाने पर मजबूर किया और मिर्च खाते-खाते जब कड़ुवाहट बर्दाश्त नहीं कर पाने के कारण नौकरानी ने उल्टी कर दी तो उसे वर्षा ने वही वमन वापस खाने पर मजबूर किया। वर्षा उन नौकरानियों को फर्श पर सोने और कड़कड़ाती ठंड में ठंडे पानी से नहाने की सजा अक्सर देती थी।

उसका भांडा तब फूटा जब कुछ महीने पहले उसकी एक नौकरानी घर से निकल भागी। वह घूमती हुई एक खाने के स्टोर में चली गई। तब उसके बदन पर कपड़े नहीं बल्कि फटे- पुराने चीथड़े लटक रहे थे। उसकी हालत देख कर स्टोर के मालिक ने पुलिस को फोन कर दिया। वर्षा को अमानवीय प्रताड़ना देने के आरोप में और उसके पति महेन्द्र को इन अत्याचारों को नहीं रोकने तथा उससे लाभ उठाने के आरोप में सजा मिलेगी। जज आर्थर स्पैट का कहना था, "महेंद्र सभनानी ख़ुद एक कामयाबी की कहानी हैं जिन्होंने भारत से आकर अमरीका में अप्रवासी के दौर से गुज़रकर व्यापार में कामयाबी हासिल की। उन्हें तो इन सारी चीज़ों का अंदाज़ा ज़रूर रहा होगा और उन्होंने अत्याचार रोकने के लिए कुछ नहीं किया।" महेंदर 51 साल के हैं और वर्षा 45 साल की। इनके परिवार में दो बेटियां औऱ एक बेटा हैं। तीनों बच्चे भी सज़ा सुनाने के समय अदालत में मौजूद थे।

महेंदर और वर्षा को पिछले साल मई में गिरफ़्तार किया गया था। सभनानी दंपत्ति न्यूयॉर्क के करोड़पतियों में गिने जाते हैं। न्यूयॉर्क के साथ-साथ इनका विश्व के कई देशों में परफ़्यूम का बिज़नेस फैला हुआ है। सभनानी परिवार के वकील का कहना है कि उनके मुवक्किल को बहुत कठोर सज़ा सुनाई गई है।

Saturday 21 June 2008

एकमत से लिया गर्भवती होने का फैसला

न्यूयार्क के ग्लूसेस्टर स्थित एक हाई स्कूल में पढ़ने वाली 17 किशोरियां एक साथ गर्भवती हो गई हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि उन्होंने एक साथ शिशुओं को जन्म देने और उनका पालन पोषण करने का सामूहिक फैसला किया है। सभी गर्भवती छात्राओं की उम्र 16 साल से कम है। इस मामले का पता अक्टूबर में चला जब बड़ी संख्या में स्कूली छात्राओं ने स्कूल के क्लीनिक में आकर पूछताछ करना शुरू कर दी कि कहीं वे गर्भवती तो नहीं है। मई तक कई लड़कियां बार-बार लौटीं। जब उन्हें पता चलता था कि वे गर्भवती नहीं हैं तो व्यथित दिखाई देती थी।

रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछेक साधारण सवालों से यह पता चल गया कि उन्होंने मिल जुलकर गर्भवती बनने का फैसला किया है। इसके बाद हालात खराब हो गए। इनमें से एक गर्भवती लड़की का साथी 24 साल का एक बेघर युवक है। आगे क्या किया जाए इस बात को लेकर कैथोलिक समुदाय में बेहद विवाद हो गया है। वर्ष 2006 में राष्ट्रीय आंकड़ों में किशोरियों के गर्भवती होने के मामलों में तीन प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।

जिन लड़कियों ने एक साथ गर्भवती होने का यह फैसला किया है, उन्होंने साक्षात्कार देने से इनकार कर दिया। उनके अभिभावकों ने भी बातचीत करने से इनकार कर दिया, लेकिन ग्लूसेस्टर हाई से आठ जून को स्नातक उपाधि लेने वाली अमांडा आयरलैंड को लगता है कि उन्हें मालूम है कि लड़कियों ने एक साथ गर्भवती होने का फैसला क्यों किया। आयरलैंड [18] ने जब अपने शिशु को जन्म दिया था तो अब गर्भवती होने वाली कुछ सहपाठी लड़कियां नियमित तौर पर उसके पास आती थी और कहती थी कि वह कितनी भाग्यशाली है कि उसने शिशु को जन्म दिया है। आयरलैंड ने कहा कि वे इस बात से इतनी उत्साहित थीं कि आखिर कोई तो ऐसा है जो उन्हें बिना शर्त प्रेम करने के लिए तैयार है।

Friday 20 June 2008

पहले जहर, फिर आग

एक तरफ पति-पत्नी के झगड़ने के मामले आ रहे हैं, वहीं नंदग्राम में पत्नी के वियोग में एक व्यक्ति ने जहर खाकर खुद को आग लगा ली। पहले उसने जहर खा लिया। उसके बाद भी जब पत्नी के मायके वाले नहीं पसीजे, तो उसने खुद को आग लगा ली। सुसराल वालों ने उसे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल लाया। उसकी बिगड़ी हालत देखकर डॉक्टरों ने उसे दिल्ली रेफर कर दिया।

स्ट्रीट नंबर टू में रहने वाले रतिराम की पत्नी किसी बात से नाराज होकर तीन महीने पहले मायके चली गई थी। मंगलवार रात रतिराम ससुराल पहुंच गया। इस बार भी उसकी पत्नी ने जाने से मना कर दिया। इस पर गुस्से में रतिराम ने अपनी जहरीला पदार्थ खा लिया। इसके बाद उसने एक बार फिर से सुसराल वालों से पत्नी को उसके साथ भेजने के लिए कहा। ससुराल वालों ने तब भी उसकी पत्नी को भेजने से मना कर दिया। इस बात से आहत रतिराम ने खुद को लगा ली। ससुराल वालों ने किसी तरह आग बुझाई और उसे गंभीर हालत में डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ले गए। हालत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। रतिराम के परिजनों ने सिहानी गेट पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

नवभारत टाइम्स के अनुसार रतिराम की शादी पांच साल पहले पड़ोस में रहने वाले परम की बेटी बेबी से हुयी थी। दंपती को एक बेटा और बेटी है। बताया गया है कि लगभग तीन महीने बेबी पति से नाराज होकर मायके चली गई थी। रतिराम के लगातार उसे घर बुलाने पर भी वह आने को तैयार नहीं थी।

Wednesday 18 June 2008

मेरी मौत की जिम्‍मेदार, मेरी पत्‍नी

आत्महत्या करने वाले युवक योगराज ने अपने खून से कमरे की दीवार पर लिखा कि मेरी मौत की जिम्मेदार मेरी पत्नी रेणु है। इसके बाद योगीराज ने जमकर शराब पी और पंखे से लटक कर, अपनी पत्नी की बेवफाई से तंग आकर जान दे दी।

योगीराज दिल्ली के ललित पार्क इलाके में रहता था। वह नोयडा के सरकारी अस्पताल में काम करता था। लेकिन पिछले कुछ दिनों उसकी जिंदगी में एक तूफान सा आ गया था। इस तूफान की वजह थी उसकी पत्नी की जिंदगी में आया एक दूसरा युवक विनोद। रेणु और विनोद के रिश्ते इतने आगे बढ़ गए कि रेणु दो दिनों पहले उसके साथ भाग गई। वह अपने साथ अपनी एक बेटी को भी ले गई। इस दुःख को योगराज बर्दाश्त नहीं कर सका और उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया। पुलिस ने उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
(साभार: IBN7)

76 वर्षीया महिला, पांच पतियों की हत्यारी ?

अमेरिका के उत्तरी कैरोलाइना राज्य में, पुलिस ने 76 वर्षीया एक महिला को पांच पतियों की हत्या के शक में हिरासत में लिया है। बेटी न्यूमर नामक इस 76 वर्षीया महिला के पति हैरोल्ड जेंट्री की 1986 में गोली लगने से मौत हो गई थी। पुलिस के जासूसों का कहना है कि न्यूमर ने हैरोल्ड की हत्या के लिए कई हत्यारों को भाड़े पर लेने की कोशिश की थी। इनमें से एक भावी हत्यारे ने पुलिस को इस बात की सूचना भी दी थी लेकिन किसी ने उस सूचना पर ध्यान नहीं दिया।

हैरोल्ड, बेटी न्यूमर का चौथा पति था। उसकी मौत कथित तौर पर गलती से खुद पर गोली चला लेने से हुई थी। लेकिन हैरोल्ड के भाई का कहना था कि उस समय कमरे में सिर्फ न्यूमर मौजूद थी, इसलिए उसकी भूमिका की जांच कराई जाए। उससे पहले न्यूमर के तीसरे पति की मौत भी गोली लगने से हुई थी। न्यूमर के पांचवे पति की मौत शरीर में सड़न फैल जाने से हुई थी। पुलिस को शक है कि यह धीमा जहर दिए जाने का परिणाम हो सकता है।

1950 के दशक से आरंभ कर बेटी न्यूमर ने पांच शादियां कीं। हर शादी का अंत उसके पति की मौत के साथ हुआ। इन पांचों पतियों में एक और समानता थी, वे सभी सैन्य पृष्ठभूमि के थे। बेटी न्यूमर का एक खास तरीका था कि वह शादी के बाद अपने पति को उसके परिवार से पूरी तरह काट देती थी, कोई संपर्क नहीं रखने देती थी। एक बार तो उसके एक पति के बेटों को अखबार में खबर पढ़ कर अपने पिता की मौत का पता चला। उसने पांचों शादियां पांच अलग-अलग राज्यों में कीं।

1986 में हैरोल्ड जेंट्री की मौत के बाद उसके भाई अल जेंट्री ने पुलिस से कई बार अनुरोध किया के हैरोल्ड की मौत में न्यूमर का हाथ होने की जांच की जाए। पहले उसकी बात किसी ने नहीं सुनी लेकिन अब बीस साल बाद पुलिस इस मामले की फिर से तहकीकात कर रही है। वह बेटी न्यूमर के बाकी चार पतियों की मौत की भी तहकीकात कर रही है। फिलहाल बेटी न्यूमर जेल में बंद है। उसका कोई वकील नहीं है और हैरोल्ड के साथ हुई उसकी बेटी ने मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

Tuesday 17 June 2008

गाँव वालो, मैं 11 हजार वोल्ट की तार को छू रही हूँ ...

फरीदाबाद में सोमवार दोपहर करीब दो बजे एक महिला बाजड़ी गांव के खेतों में 11 हजार वोल्ट की तार वाले पोल पर चढ़ गई। वह धीरे-धीरे तारों की तरफ बढ़ रही थी। उसे पोल पर चढ़ते हुए ग्रामीण ने देख लिया। उसने इसकी सूचना गांव वालों को दी। थोड़ी ही देर बाद गांव वालों की भीड़ मौके पर पहुंची और महिला को नीचे उतरने के लिए कहने लगे। महिला ने उतरने से इनकार कर दिया। उसके बाद कुछ ग्रामीण रस्सा वगैरह लेकर पोल पर चढ़ती महिला को उतारने के लिए चढ़ गए। इससे पहले कि महिला तारों तक पहुंच पाती, ग्रामीणों ने उसे पोल पर ही पकड़ लिया और उसे जैसे-तैसे करके पोल से नीचे उतार लिया। बाद में महिला को पुलिस के हवाले कर दिया गया।

महिला के पोल पर चढ़ी होने के दौरान किसी ने इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दे दी। सूचना मिलते ही डीएसपी बल्लभगढ़ कुलदीप सिंह अन्य पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस की सूचना पर फायर बिग्रेड की टीम भी मौके पर पहुंची। इस बारे में थाना मुजेसर प्रभारी चरण सिंह ने बताया कि महिला कुछ बोल नहीं रही है। इसलिए उसका नाम व पता नहीं चल रहा है। महिला को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा।
(समाचार दैनिक जागरण से साभार)

"मैं तुम्हारे पास आ रही हूँ" और वह चली गयी

स्यूसाइड नोट में उसकी सुंदर लिखावट देखकर पुलिस वाले भी हैरत में रह गए। उसने लिखा है कि 'मुकेश, मैं तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करती हूं। मैं तुम्हारे बगैर नहीं रह सकती। मैं तुम्हारे पास हमेशा के लिए आ रही हूं।' प्रेमी की खुदकुशी के बाद डिप्रेशन में चली गई प्रेमिका ने जहर खाकर अपनी जान दे दी। कम्प्यूटर इंजीनियरिंग कर रही लड़की ने अंग्रेजी में लिखे स्यूसाइड नोट में हमेशा के लिए अपने प्रेमी के पास जाने की बात लिखी है। उसके पिता रक्षा मंत्रालय में नौकरी करते हैं। शिल्पी के प्रेमी मुकेश ने 19 मार्च को उसके घर के सामने खुदकुशी की थी।

यह हादसा शनिवार रात 12 बजे नजफगढ़ के जय विहार फेज-2 में हुआ। सीआरपीएफ के 'बनी कैम्प' के नजदीक मकान नंबर बी-5 में रहने वाले परमसुख वर्मा की बेटी शिल्पी वर्मा (19) ने जहर खा लिया। उल्टियां होने पर वे उसे हॉस्पिटल ले गए। इलाज के दौरान डीडीयू हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गई। शिल्पी का अंग्रेजी में लिखा स्यूसाइड नोट पुलिस को बरामद हुआ है। उसने लिखा है कि 'मुकेश, मैं तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करती हूं। मैं तुम्हारे बगैर नहीं रह सकती। मैं तुम्हारे पास हमेशा के लिए आ रही हूं।'

शिल्पी नजफगढ़ में प्राइवेट इंस्टिट्यूट से कम्प्यूटर इंजीनियरिंग कर रही थी। उसकी जान पहचान दीनपुर गांव के रहने वाले मुकेश से हो गई थी। दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन उनके परिवार इसके लिए तैयार नहीं थे। दोनों की जातियां अलग थीं। परिवारों के विरोध के चलते दोनों 16 मार्च को घर से लापता हो गए थे।

दो दिन बाद दोनों के घरवाले उन्हें नरेला से पकड़ कर ले आए और दोनों को अलग कर दिया। 19 मार्च की रात मुकेश शिल्पी के घर के सामने पहुंचा। शिल्पी के पिता ने उसे भगा दिया। कुछ देर बाद आकर मुकेश ने अपने ऊपर कैरोसिन डालकर खुद को आग के हवाले कर दिया। अगली सुबह सफदरजंग हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गई थी।
इस घटना के बाद शिल्पी डिप्रेशन में चली गई थी। चिंता में पड़े उसके परिवार के लोग उसका खास ख्याल रखते थे। एक महीने से वह ठीक रहने लगी थी। शिल्पी मेधावी छात्रा थी।
(समाचार नवभारत टाइम्स के सौजन्य से)

Friday 13 June 2008

अलग रहने की चाहत में बहू ने सास-ससुर को जहर दिया

उत्तर प्रदेश के थाना कोतवाली इलाके के पीन्ना गांव में एक बहू ने अपने सास-ससुर को इसलिए जहर दे कर मारने की कोशिश की क्योंकि वह उनसे अलग रहना चाहती थी। दोनों अस्पताल में भर्ती हैं। पुलिस के मुताबिक उसके पति अरविंद ने अपनी पत्नी पूजा और उसके भाई रोबिन के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। फिलहाल दोनों भाई-बहन फरार हैं।

पूजा की शादी नौ महीने पहले अरविंद से हुई थी। शादी के बाद वह शुरू से अपने पति के साथ अलग रहना चाहती थी लेकिन अरविंदन पति अपने माता-पिता को अकेले नहीं छोड़ना चाहता था। इस पर पूजा ने दोनों को चाय में जहर मिलाकर दे दिया। दोनों की हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया। घटना के समय अरविंद घर पर नहीं था। पुलिस ने पूजा और उसके भाई रोबिन के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।

शादी करने के लिए रचा ख़ुद के अपहरण का नाटक

पुलिस ने सनसनीखेज अदिति त्यागी अपहरण केस से पर्दा उठा दिया है। पुलिस ने गुड़गांव से अदिति को उसके कथित प्रेमी मुद्दसर इरफान के साथ गिरफ्तार कर लिया। एसपी सिटी विजय भूषण ने बताया कि अदिति ने प्रेमी के साथ मिलकर खुद के किडनैप का नाटक रचा। पुलिस के अनुसार अदिति प्लान के मुताबिक अपने घर से गई थी। उसने पुलिस और परिवार को गुमराह करने के लिए ही उसने अपनी कार को हिंडन नदी में धकेल दिया था।

शास्त्रीनगर ई ब्लॉक निवासी ए. पी. त्यागी की बेटी अदिति नोएडा में एक मल्टीनैशनल कंपनी में सीनियर टेली मार्केटिंग एग्जेक्यूटिव की पोस्ट पर कार्य करती है। सोमवार को कंपनी से लौटते समय अदिति संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गई थी। उसकी कार वसुंधरा स्थित हिंडन नदी में आधी डूबी हुई बरामद हुई थी। अदिति का पर्स और सैलरी का चेक भी कार में मिला था। अदिति के परिजनों ने अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

बुधवार को पुलिस ने अदिति को इंदिरापुरम थाने में मीडिया के सामने पेश किया। उसके साथ उसका कथित प्रेमी मुद्दसर इरफान भी था। कैला भट्ठा में रहने वाले डॉक्टर इरफान का पुत्र मुद्दसर गुड़गांव में ही जैनेटिक कंपनी में एग्जेक्यूटिव के पद पर कार्य करता है। एसपी सिटी ने बताया कि अदिति को गुड़गांव के सेक्टर-17 स्थित सुखराली गांव में स्थित एक मकान से बरामद किया गया। उन्होंने बताया कि पूछताछ में अदिति ने स्वीकार किया कि उसी ने कार को हिंडन में धकेला था, जिससे उसका गायब होना किडनैप लगे।

एसपी सिटी ने बताया कि मंगलवार की देर शाम अदिति के फोन डिटेल्स और सर्विलांस से उसके गुड़गांव में होने की जानकारी पुलिस को लग गई थी। जिसके बाद सुबह 3:30 बजे पुलिस ने छापा मारा और दोनों को बरामद कर लिया। उन्होंने बताया कि अदिति ने पूछताछ के दौरान पुलिस को कई प्रकार की जानकारी दी है जिनके आधार पर जांच की जा रही है।

Thursday 12 June 2008

मां ने पिलाया जहर, तीन बच्चों की मौत

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में मां ने अपने तीन बच्चों की जहर पिलाकर हत्या कर दी और खुद भी जहर पी लिया। महिला की हालात गंभीर है। दुर्ग जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के उतई थाना इलाके के अंतर्गत पतोरा गांव में रहने वाली राधाबाई ने जहर पिलाकर तीन बच्चों की हत्या कर दी। उसके बाद उसने खुद भी जहर खा लिया। महिला को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

स्थानीय समाचार पत्रों के अनुसार, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को जब राधाबाई घर में अकेली थी तब उसने अपने तीन बच्चों किरण (9), ईशपाल (7) और जया (5) को जहर पिलाया। उन्होंने बताया कि इस घटना की जानकारी सबसे पहले पड़ोसियों को हुई तब उन्होंने सभी को दुर्ग के जिला अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राधाबाई के दो बच्चों किरण और इशापाल की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई, तब डॉक्टरों ने राधाबाई और जया को भिलाई स्थित सेक्टर नौ के अस्पताल में रेफर कर दिया। वहां गुरुवार सुबह जया की मृत्यु हो गई।

नए प्रेमी के साथ मिलकर, पुराने प्रेमी की हत्या

एमबीए कर रही एक लड़की व उसके प्रेमी को अपने सहपाठी की हत्या के आरोप में एक सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। उन्होंने अपने दोस्त को जहर मिला प्रसाद खिलाकर यह जघन्य अपराध किया। अडिशनल सेशन जज एस. एस. फनसाल्कर जोशी ने बुधवार को अदिति शर्मा व प्रवीण खंडेलवाल को पिछले साल उदित भारती को जहर देने का दोषी ठहराया था। दोनों में से हरेक को दस हजार रूपया जुर्माना भी भरना होगा।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक उदित और आदिति एमबीए करने के लिए 200 में जम्मू से पुणे आए थे। दोनों में प्यार हो गया और पढ़ाई पूरा करने के बाद वे शादी करने वाले थे। प्रवीण जयपुर का रहने वाला था। तीनों की उम्र 24 साल थी। यह प्रेम प्रसंग तब लव ट्राएंगल में बदल गया जब अदिति और प्रवीण को गुड़गांव में नौकरी की पेशकश मिली और वे पुणे से चले गए। वहां काम करते हुए दोनों में गहरे संबंध स्थापित हो गए। उन्हें लगने लगा कि उदित उनकी राह में रोड़ा बनेगा। इस आशंका ने उन्हें उससे छुटकारा पाने की साजिश रचने को मजबूर किया।

अदिति और प्रवीण 22 अपैल 2007 को पुणे लौट आए और अदिति ने चिंचवाड़ स्थित एक लॉज में उदित को बुलाया। वहां उसे जहर मिला प्रसाद दिया गया। उदित की 24 अपैल को मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम से जहर दिए जाने की पुष्टि हुई।

Sunday 8 June 2008

दो करोड़ की धोखाधड़ी में युवती गिरफ्तार

बीएसएनएल के साथ दो करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में कोलकाता खुफिया पुलिस ने मुंबई के मशहूर लोखण्डवाला काम्पलेक्स से एक युवती को गिरफ्तार किया है। उसका नाम बिजीता शेट्ठी है और वह पेशे से कम्प्यूटर इंजीनियर है। चार जून को मुम्बई से गिरफ्तार करने के बाद खुफिया पुलिस उसे शनिवार को कोलकाता ला कर अलीपुर कोर्ट में पेश किय, जहां न्यायाधीश ने अंतरिम जमानत पर उसे रिहा कर दिया। आगामी 12 जून को न्यायाधीश ने उसे पुन: कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया है।

दैनिक जागरण के अनुसार, बिजीता शेट्ठी के खिलाफ बीएसएनएल ने वर्ष 2003 में शिकायत की थी कि उसकी कंपनी बीएसएनएल के सेटेलाइट के माध्यम से बड़े-बड़े शहरों में अपनी कंपनी खोल कर विदेशों में टेलीफोन काल, ईमेल और इंटनेट का धंधा चला रही है। खुफिया पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि वर्ष 2000 से 2002 तक यह कारोबार चलाने के बावजूद बीएसएनएल को एक रुपये भी नहीं दिये जबकि करीब दो करोड़ की रकम हो गयी थी। मामला प्रकाश में आने के बाद बिजीता फरार हो गयी। कुछ दिन पहले पता चला कि उसे मुम्बई में देखा गया है और उसका लोखण्डवाला कम्लेक्स में एक बड़ा फ्लैट है। मंगलवार को कोलकाता पुलिस की विशेष टीम मुम्बई पहुंची और बुधवार को सुबह उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार करने बाद उसे स्थानीय कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमाण्ड पर लेकर पुलिस कोलकाता ले आया गया और अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया जहां न्यायाधीश ने उसकी अर्जी मंजूर करते हुए अंतरिम जमानत दे दी।

Sunday 1 June 2008

सहेली का अश्लील प्रोफाइल नेट पर डाला

दो सहेलियों के बीच मनमुटाव इतना बढ़ा कि एक ने दूसरी का अश्लील प्रोफाइल बनाकर इंटरनेट की एक साइट पर डाल दिया। यह राज तो तब खुला जब पूरा मामला पुलिस की अपराध शाखा के हाथ में आया।

मामला मध्यप्रदेश के इंदौर शहर का है। दो छात्राएं जो कि 12वीं में पढ़ती हैं। इन दोनों के बीच कभी पक्की यारी थी, मगर किसी बात को लेकर मनमुटाव इतना बढ़ गया कि एक ने दूसरी को बदनाम करने की ठान ली। इंदौर पुलिस की अपराध शाखा के पुलिस उपाधीक्षक राजेश व्यास बताते हैं कि एक लड़की ने अपनी सहेली का एक प्रोफाइल बनाया जिसमें अनर्गल बातें लिख डाली। इस प्रोफाइल में जो मोबाइल नम्बर दिया गया था वह सही था। फिर क्या था जिसने साइट पर जाकर इस प्रोफाइल को देखा उसी ने मोबाइल पर फोन करना शुरू कर दिए।

पिछले कुछ अरसे से लगातार आ रहे फोन से जब लड़की परेशान हो गई तो उसने यह बात को परिजनों को बताई। परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस से की। अपराध शाखा ने मामले की जांच शुरू की। जांच के तहत जब पुलिस ने उन मोबाइल धारकों से पूछताछ की जो लड़की के मोबाइल पर फोन करते थे तो हकीकत खुलकर सामने आ गई।

व्यास के अनुसार पुलिस को जांच में पता चला कि फोन करने वालों को लड़की का नम्बर इंटरनेट की साइट से मिला था। इसी आधार पर प्रोफाइल बनाने वाले की खोज की गई तो एक लड़की का नाम सामने आया। प्रोफाइल बनाने वाली लड़की ने भी स्वीकार किया हैं कि उसने सहेली से मनमुटाव होने पर उसका अश्लील प्रोफाइल बनाया था। बाद में दोनों परिवारों के बीच समझौता होने के बाद पुलिस ने अश्लील प्रोफाइल बनाने वाली लड़की को छोड़ दिया।