राजा कंस की कहानी राजा कर्ण की नगरी में फिर से दोहराई गई है। फर्क केवल इतना है कि उस समय देवकी के बच्चे जन्म ले चुके थे लेकिन इस कहानी में मासूमों को गर्भ के भीतर ही मार दिया गया। बेहद आश्जर्यजनक बात यह है कि इस दरिंदगी को किसी मामा ने नहीं बल्कि एक दादी मां ने अन्धविश्वास के चलते अन्जाम दिया है।
मामला उस समय सामने आया जब एक बार फिर दादी ने अपनी बहू का अपहरण करने के बाद उसके पेट में पल रहे आठ माह के बच्चे का जबरन गर्भपात करा दिया और उसे गंभीर हालत में स्थानीय बस स्टैंड के बाहर फेंककर फरार हो गई। ये उनका आठवां बच्चा था। तांत्रिकों के मकड़जाल में फंसी सास ने आठ बार तांत्रिक सिद्धि से अपनी बहू की कोख में पल रहे बच्चों को पैदा होने से पहले ही मार डाला। आठवां गर्भ गिरने के बाद बेहोशी की हालत में विवाहिता को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने आनंद विहार की रहने वाली विवाहिता कांता के बयान दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
अस्पताल में उपचाराधीन विवाहिता कांता के भाई राजेंद्र ने आरोप लगाया कि कांता की सास ने अपने पुत्र के मोह में फंसकर आठ बार गर्भ गिरवाने का काम किया है। किसी तांत्रिक ने कांता की सास को यह कहा था कि अगर वह बच्चे को जन्म देगी तो उसके पुत्र की मृत्यु हो जाएगी। कांता के परिजन बार-बार गर्भ गिरने से काफी हताश थे।
कांता के भाई राजेंद्र का कहना है कि इस बार वह अपनी बहन को राजौंद से करनाल ले आए थे और यहां उसके बच्चे को जन्म देने का मन बनाया था। राजेंद्र का कहना है कि उन्होंने अपनी बहन कांता की शादी करीब 12 वर्ष पहले कैथल जिले के राजौंद निवासी विजय से की थी। उसकी बहन आठ बार गर्भवती हुई, लेकिन एक भी संतान को वह जन्म नहीं दे पाई। राजेंद्र का कहना है कि इस बार उसकी बहन के गर्भ में आठ माह का बच्चा था, लेकिन इस बार भी उसके बच्चे को पैदा होने से पहले ही खत्म कर दिया गया। कांता की सास ने फिर उसकी बहन का अपहरण कर लिया और तांत्रिक सिद्धि से उसके गर्भ को गिरा डाला है। कांता को कार में सवार होकर आए दो व्यक्तियों की मदद से उसकी सास उठाकर ले गई थी। बेहोशी की हालत में उसकी बहन करनाल के बस अड्डे पर मिली। कांता के पति विजय ने भी आशंका जताई है कि उसकी मां ने बच्चों को कोख में ही मारने का काम किया है। पुलिस ने अस्पताल में कांता के बयान दर्ज करने के बाद छानबीन शुरू कर दी है।
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Sunday, 9 November 2008
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2 comments:
Sharmnaak hai. Kintu Andhvishwas aaj bhi bharatiye samaj mein kayam hai. Vigyan aur Takneeki duniyan mein abhi bhi log jagrook nahi huye hai.
शर्मनाक!!! दुखद!
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