कुछ और भी तलाशें

Monday 10 November 2008

दादी ने किया पोती को वेश्यावृत्ति पर मजबूर

एक दादी व उसके दो बेटों पर यह आरोप है कि उन्होंने नाबालिग पोती को जबरन जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल दिया। इस घटना में तीन और लोग भी शामिल हैं। बुटाना पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर उसकी दादी, दो चाचा सहित 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है। आरोपी पिछले दो महीने से नाबालिग को डरा-धमाकर उससे जबरन वेश्यावृत्ति करा रहे थे। नाबालिग दसवीं की छात्रा बताई जा रही है। राष्ट्रीय सहारा में विकास सुखीजा की रिपोर्ट है कि पुलिस ने नाबालिग का मेडिकल चेकअप करा लिया है। साथ ही अमित गर्ग की अदालत में पेशकर बयान कलमबंद करा दिए हैं। इसके बाद पुलिस ने उसे एसडीएम के समक्ष भी पेश किया जहां पर नाबालिग के कहने पर उसे उसकी बहन को सौंपा गया है।

गांव बैडसाल निवासी स्व. नरेंद्र सिंह की 15 वर्षीय बेटी कविता (बदला हुआ नाम) अपनी बहन के साथ थाने आकर अपनी दादी अमरजीत कौर, चाचा जोगिंद्र सिंह, सर्वजीत सिंह व तीन अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दी कि ये लोग उससे पिछले दो माह से डरा-धमकाकर वेश्यावृति करा रहे हैं। मना करने पर ये लोग उसके साथ मारपीट करते थे। पीड़िता ने बताया कि अभी तक उसके साथ कई दर्जन लोगों ने जबरन शारीरिक सबंधं बनाए हैं। इसी शहर की एक दादी पर अपने पोते-पातियों को जन्म से पहले मार देने का सनसनीखेज आरोप लगा था।

Sunday 9 November 2008

दादी बनी कंस: आठ बार बहू का गर्भ गिरवाया

राजा कंस की कहानी राजा कर्ण की नगरी में फिर से दोहराई गई है। फर्क केवल इतना है कि उस समय देवकी के बच्चे जन्म ले चुके थे लेकिन इस कहानी में मासूमों को गर्भ के भीतर ही मार दिया गया। बेहद आश्जर्यजनक बात यह है कि इस दरिंदगी को किसी मामा ने नहीं बल्कि एक दादी मां ने अन्धविश्वास के चलते अन्जाम दिया है।

मामला उस समय सामने आया जब एक बार फिर दादी ने अपनी बहू का अपहरण करने के बाद उसके पेट में पल रहे आठ माह के बच्चे का जबरन गर्भपात करा दिया और उसे गंभीर हालत में स्थानीय बस स्टैंड के बाहर फेंककर फरार हो गई। ये उनका आठवां बच्चा था। तांत्रिकों के मकड़जाल में फंसी सास ने आठ बार तांत्रिक सिद्धि से अपनी बहू की कोख में पल रहे बच्चों को पैदा होने से पहले ही मार डाला। आठवां गर्भ गिरने के बाद बेहोशी की हालत में विवाहिता को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने आनंद विहार की रहने वाली विवाहिता कांता के बयान दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

अस्पताल में उपचाराधीन विवाहिता कांता के भाई राजेंद्र ने आरोप लगाया कि कांता की सास ने अपने पुत्र के मोह में फंसकर आठ बार गर्भ गिरवाने का काम किया है। किसी तांत्रिक ने कांता की सास को यह कहा था कि अगर वह बच्चे को जन्म देगी तो उसके पुत्र की मृत्यु हो जाएगी कांता के परिजन बार-बार गर्भ गिरने से काफी हताश थे।

कांता के भाई राजेंद्र का कहना है कि इस बार वह अपनी बहन को राजौंद से करनाल ले आए थे और यहां उसके बच्चे को जन्म देने का मन बनाया था। राजेंद्र का कहना है कि उन्होंने अपनी बहन कांता की शादी करीब 12 वर्ष पहले कैथल जिले के राजौंद निवासी विजय से की थी। उसकी बहन आठ बार गर्भवती हुई, लेकिन एक भी संतान को वह जन्म नहीं दे पाई। राजेंद्र का कहना है कि इस बार उसकी बहन के गर्भ में आठ माह का बच्चा था, लेकिन इस बार भी उसके बच्चे को पैदा होने से पहले ही खत्म कर दिया गया। कांता की सास ने फिर उसकी बहन का अपहरण कर लिया और तांत्रिक सिद्धि से उसके गर्भ को गिरा डाला है। कांता को कार में सवार होकर आए दो व्यक्तियों की मदद से उसकी सास उठाकर ले गई थी। बेहोशी की हालत में उसकी बहन करनाल के बस अड्डे पर मिली। कांता के पति विजय ने भी आशंका जताई है कि उसकी मां ने बच्चों को कोख में ही मारने का काम किया है। पुलिस ने अस्पताल में कांता के बयान दर्ज करने के बाद छानबीन शुरू कर दी है।

Friday 7 November 2008

बेटा पैदा करने के लिए कोई दबाव नहीं, फिर भी एक माँ ने तीन बेटियों को मार डाला

एक बेटा पैदा करने की चाहत में उड़ीसा के पुरुषोत्तम गांव की एक 31 वर्षीया महिला शुभद्रा दास ने 5 नवम्बर को अपनी 7 वर्षीय बेटी पद्मिनी को नींद में ही घर के पिछवाड़े में बने तालाब में ले जाकर डूबो दिया। इसी तरह उसने अपनी दूसरी बेटी 4 वर्षीया सुमित्रा को भी मार डाला। जब पुलिस को तलाब से दो बच्चियों की लाश मिली, तो उसने शुभद्रा से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान शुभद्रा ने इस बात का खुलासा किया कि, कुछ हफ्ते पहले ही उसने अपनी तीसरी नौ महीने की बच्ची का गला घोंटकर हत्या की है। चौंकाने वाली बात यह है कि शुभद्रा ने ये बात स्वीकार की, उसने अवसाद और परेशानी में ऐसा अमानवीय काम किया।  अवसाद से घिरी शुभद्रा ने खुद को भी मारना चाहा, लेकिन वो जिंदा बच गई। शुभद्रा ने कहा कि, “मैंने अपनी तीनों बेटियों को मारने के बाद खुद भी आत्महत्या करने की कोशिश की। लेकिन इसके बावजूद मैं जिंदा बच गई।” पुलिस का कहना है कि शुभद्रा दास पर अपने पति या फिर ससुराल वालों की तरफ से बेटा पैदा करने के लिए कोई दबाव नहीं था।

सीएनएन-आईबीएन पर जजाति करण के अनुसार केन्द्रपाड़ा के उप-प्रभागीय पुलिस अधिकारी जयदेव सारंगी ने कहा कि, “जांच के बाद हमें मालूम चला कि शुभद्रा को इस बात का मलाल था कि बेटा न होने की वजह से उसके परिवार में अंतिम संस्कार कोई नहीं कर पाएगा, और इसी बात से वह काफी परेशान थी।”  सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह की हत्याएं धार्मिक मान्यताओं के चलते होती है। ऐसे ही एक सामाजिक कार्यकर्ता दीप्ति रंजन दास ने कहा कि, “हमारे यहां ‘पिंड दान’ जैसी कई प्रथाएं हैं जिसे केवल एक बेटा ही सम्पन्न कर सकता है, और ऐसी प्रथाएं ही लोगों को ऐसे अमानवीय कार्य करने के लिए मजबूर करती है।



जजाति करण का आगे कहना है 'शायद यही वजह है कि शुभ्रदा दास जैसी महिलाएं अपनी तीन बेटियों की हत्या करने के बाद भी एक बूंद आंसू नहीं बहाती हैं।'

Monday 3 November 2008

चार प्रेमियों की मदद से पति को मार डाला

बिजनौर के ग्राम हिदायतपुर चौहड़वाला निवासी पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य की, उसकी पत्नी ने चार प्रेमियों के साथ हथौड़े से प्रहार कर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी महिला को एक प्रेमी समेत गिरफ्तार कर लिया है। उस समय हर कोई हतप्रभ रह गया जब इस शातिर महिला ने न केवल प्रेमी लीला सिंह के साथ रहने की इच्छा जताई बल्कि खुलेआम कहा कि पति की हत्या करने का उसे कोई अफसोस नहीं है। उसने अपने चारों बच्चों से भी नाता तोड़ने का एलान पुलिस के सामने ही कर दिया।

ग्राम हिदायतपुर चौहड़वाला निवासी 50 वर्षीय पूर्व बीडीसी सदस्य परमानंद धीमान की पशुशाला में सोते समय 30 अक्टूबर की रात लगभग 11 बजे हत्या कर दी गई। जांच के दौरान सुराग मिला कि हत्या उसकी पत्नी 47 वर्षीया दयावती ने चार प्रेमियों की मदद से की। पूछताछ में दयावती टूट गई और बताया कि उसने गांव के ही चार प्रेमियों लीला, दलवीर सिंह, हरकेश व करन के साथ मिलकर पति को मौत के घाट उतार दिया। उसने बताया कि अवैध संबंधों को लेकर पति उसे आये दिन डांटता व पीटता था। उससे निजात पाने के लिये ही उसने चारों प्रेमियों के साथ योजना बनाकर हत्या कर दी।

Wednesday 22 October 2008

एक बार फिर, ममता को एक कलियुगी मां ने कलंकित किया

एक बार फिर से ममता को एक कलियुगी मां ने कलंकित किया। जम्मू के एसएसजीएस अस्पताल में 20 अक्टूबर को बच्ची का इलाज कराने के बहाने आई एक महिला दूधमुही बच्ची को छोड़कर फरार हो गई। अस्पताल प्रशासन ने उक्त महिला को काफी तलाशा, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। फिलहाल बच्ची को एसओएस होम को सौंप दिया गया है। ममता को शर्मसार करने वाली यह घटना शहर के एसएसजीएस अस्पताल में रविवार रात को घटी।

रविवार रात को एक महिला दस दिन की दुधमुही बच्ची को लेकर पहुंची। उसने अस्पताल के वार्ड नंबर एक में एक महिला को यह कह कर अपनी बच्ची को थमा दिया कि वह उसके लिए दवाई लेने बाहर जा रही है और वह उसका कुछ देर ख्याल रखे। महिला काफी देर तक उस बच्ची को गोद में लिए उसकी मां का इंतजार करती रही और जब वह काफी देर तक नहीं लौटी तो उसे कुछ शक हुआ। बाद में उस महिला ने अस्पताल प्रशासन को इस बारे सूचित किया। अस्पताल प्रशासन ने उस बच्ची की मां को अस्पताल में काफी खोजा, लेकिन वह नहीं मिली। बाद में उन्होंने पुलिस को सूचित किया।

Friday 12 September 2008

प्रेमी के साथ मिलकर पति को मार डाला और लाश के पास ही रंगरेलियाँ मनायी

इश्क व हवस की भूख में अंधी एक विवाहिता ने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति का गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद महिला ने अपने पति की लाश के पास ही प्रेमी के साथ रंगरेलिया मनाकर बेशर्मी की सारी हदें पार कर दीं। पति की चाची कोयल के जाग जाने पर उसका प्रेमी भाग निकला। पुलिस ने कोयल की शिकायत पर महिला व उसके प्रेमी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर महिला को गिरफ्तार कर लिया है जबकि प्रेमी फरार है।

यह मामला गुड़गांव, खंड पटौदी के गांव खोड का है। 32 वर्षीय प्रकाश मजदूरी का काम करता था। उसके तीन बच्चे हैं। उसकी पत्नी सुशीला का पड़ोसी आजाद के साथ नाजायज संबध थे। इसको लेकर प्रकाश व सुशीला में आए दिन झगड़ा होता रहता था। इस बीच सुशीला व आजाद ने अपने प्यार के बीच रोड़ा बनने वाले प्रकाश को हटाने की योजना बना डाली। 10 सितम्बर की रात जब प्रकाश सो रहा था, तो सुशीला ने अपने प्रेमी को बुला लिया व सोते हुए प्रकाश का बेल्ट से गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद इश्क में अंधी सुशीला व आजाद ने प्रकाश की लाश के पास ही हवस का नंगा नाच खेला। इस बीच मृतक की चाची कोयल जाग गई। पास से सुशीला के छोटे लड़के के रोने की आवाज आ रही थी। जब वह काफी देर तक चुप नहीं हुआ तो कोयल प्रकाश के कमरे की ओर गई तो वहां का नजारा देखकर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। एक तरफ प्रकाश की लाश पड़ी थी तो दूसरी ओर सुशीला एक आदमी के साथ रंगरेलियां मना रही थी। परिजनों को आता देखकर आजाद मौके से फरार हो गया।

इस दौरान सुशीला ने परिजनों को बताया कि उसने व आजाद ने प्रकाश की गला दबाकर हत्या कर दी है। पुलिस ने कोयल की शिकायत पर सुशीला व उसके प्रेमी आजाद के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर सुशीला को गिरफ्तार कर लिया है जबकि उसका प्रेमी अभी फरार है।
(विभिन्न समाचार माध्यमों द्वारा)

Thursday 11 September 2008

सीरियल देखने नहीं मिला: पत्नी ने फाँसी लगायी

छ्त्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में टिकरापारा के विनायक अपार्टमेंट मे रेल कर्मी अनुराग सैनी खाना खाने घर पहुचे। उसकी पत्नी मंजू सैनी (32) उस समय एक सीरियल देख रही थी। पति ने टीवी का चैनल बदलकर न्यूज चैनल लगा दिया जिस पर दोनों के बीच विवाद हो गया।

पत्नी ने खाना परोसा तथा कमरे मे चली गयी। काफी देर तक उसके वापस नही आने पर पति ने आवाज लगायी बाद में वह कमरे में गया तो उसके होश उड़ गये। उसने पत्नी को फांसी पर लटकता पाया।

यह ख़बर पिछले दिनों स्थानीय समाचार पत्रों में आयी थी।

Monday 8 September 2008

पति की हत्या कर पत्नी प्रेमी संग फरार

सात फेरे लेने और जीवन भर साथ रहने की कसमें खाने के बाद भी एक रिश्ता बेमानी हो गया। दादरी कोतवाली क्षेत्र के राव विहार में शनिवार देर रात पत्नी ने प्रेमी के संग मिलकर पति की हत्या कर दी। महिला तीन बच्चों की मां है और मृतक डीडीए का कर्मचारी था। मर्डर की सूचना के बाद भी कोई कार्रवाई न हुई तो गुस्साए लोगों ने डेड बॉडी को जीटी रोड पर रखकर जाम लगा हंगामा काटा। घटना के बाद महिला, उसके तीन बच्चे और उसका प्रेमी फरार हो गए है। मृतक के पिता ने दादरी कोतवाली में पत्नी और उसके प्रेमी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

नवभारत टाइम्स के मुताबिक, खुसेर्दपुरा निवासी अजयपाल पुत्र सरदार सिंह पिछले एक साल से पत्नी बेबी उर्फ नीलम और तीन बच्चे के साथ दादरी की राव विहार कॉलोनी में रहता था। सरदार सिंह का कहना है कि उसके बेटे ने उसे किसी काम से रविवार को दादरी बुलाया था। जब वह रविवार की सुबह उसके मकान पर पहुंचा तो घर का गेट लगा हुआ था। जब वह गेट खोल कर अंदर गया तो उसका बेटा मरा हुआ मिला। इससे देख वह बिलखने लगा। उसके रोने की आवाज सुनकर आस-पास के लोग मौके पर इकट्ठा हो गए। घटना की सूचना लोगों ने पुलिस को दी।

Friday 5 September 2008

एक सच्ची घटना, जिसके सामने एकता कपूर के सीरियल भी फेल!

गुड़गांव में एक लड़की ने खराब दिमागी हालत वाले लड़के से उसकी मजबूत आर्थिक स्थिति देखते हुए शादी कर ली और चार महीने के अंदर ही प्रॉपर्टी के लालच में अपने परिवारजनों संग मिलकर सास-ससुर की हत्या की साजिश रच डाली। साजिश में शामिल ससुर के ड्राइवर ने योजना को अंजाम दिए जाने से पहले ही मालिक के सामने इसका खुलासा कर दिया और फिर कवायद शुरू हुई बहू के खिलाफ सबूत जुटाने की। ड्राइवर ने बहू का फोन टेप किया और विडियो फिल्म भी बनाई। सबूतों के साथ ससुर पुलिस के पास पहुंचे और 3 सितम्बर को साजिशकर्ता गिरफ्त में आए।

खबरों के मुताबिक आदर्श नगर दिल्ली निवासी कृष्णा देवी ने अपनी बेटी शिल्पी की शादी इसी साल 27 अप्रैल को सेक्टर 23 में रहने वाले रिटायर्ड कर्नल राजीव कुमार गोयल के बेटे कपिल गोयल के साथ की थी। पुलिस के मुताबिक कपिल की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उसे नियमित अंतराल पर फिजियोथैरपी के लिए डॉक्टर के पास ले जाना पड़ता है। शिल्पी को शादी से पहले इस बारे में बता दिया गया था और उसकी रजामंदी से ही शादी हुई, लेकिन एक महीने बाद ही वह कपिल से अलग रहने लगी। घर में मनमानी करने पर उसकी कई बार सास-ससुर से झड़प भी हुई। इसके बाद शिल्पी उन दोनों को रास्ते से हटाने की योजना बनाने लगी। इसमें शिल्पी ने अपनी मां कृष्णा और भाई सचिन के अलावा ससुर के ड्राइवर अशोक को भी 40 लाख रुपये का लालच देकर शामिल कर लिया। योजना के मुताबिक कर्नल व उनकी पत्नी को गाड़ी से एक्सीडेंट करके मारना था। अगस्त में ड्राइवर का हृदय परिवर्तन हुआ और उसने सारा किस्सा अपने मालिक के सामने खोल दिया।

इसके बाद फिल्मी अंदाज में गोयल और अशोक ने बहू की साजिश के सबूत जुटाने शुरू किए। सबसे पहले ड्राइवर व शिल्पी की फोन पर होने वाली बातचीत को टेप किया गया। इसके बाद उस होंडा सिटी कार में कैमरे फिट किए गए, जिसमें कर्नल व उनकी पत्नी कपिल को थैरपी के लिए डॉक्टर के पास लेकर जाया करते थे। ड्राइवर ने गाड़ी में ही शिल्पी से साजिश के बारे में बात कर डाली, जिससे विडियो क्लिप का सबूत तैयार हो गया। कर्नल ने 20 अगस्त को पुलिस के आला अधिकारियों से मिलकर सारी कहानी सबूत के साथ पेश की।

थाना पालम विहार पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी और बुधवार को शिल्पी, उसकी मां और भाई को गिरफ्तार कर लिया। तीनों को एडिशनल चीफ ज्युडिशियल मैजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें एक दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस शिल्पी के मोबाइल फोन की बरामदगी के प्रयास कर रही है।

Saturday 30 August 2008

बहन ने, बहन को वेश्यावृत्ति में धकेला

लखनऊ से आकर रोहिणी में बहन के साथ रह रही एक युवती ने अपनी बहन पर उसे सेक्स रैकिट में धकेलने का आरोप लगाया है। एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर की मदद से बहन के चंगुल से भागी इस 13 साल की युवती ने बताया कि उसकी बहन रोहिणी के सेक्टर चार में एक सेक्स रैकिट चलाती है। महिला आयोग की पहल पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। रश्मि (बदला हुआ नाम) ने बताया कि उसका जीजा 15 दिन पहले उसकी गर्भवती बहन की मदद करने के बहाने से उसे दिल्ली लाया था। दिल्ली आने के बाद उसने अपनी बहन के घर हर छोटा-बड़ा काम किया। उसने बताया कि कुछ दिन तो सबकुछ ठीकठाक रहा, लेकिन एक दिन उसकी बहन ने उसे कस्टमर का मनोरंजन करने से पहले जीजा के साथ प्रैक्टिस करने को कहा। उसने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया, लेकिन उसे जबरन इस धंधे में धकेल दिया गया। उसने बताया कि घर में हर हफ्ते काफी आदमी और लड़कियां आती थीं।

रश्मि ने बताया कि जब यह सब उसके बस से बाहर हो गया, तो उसने भागने का प्लान बनाया। बुधवार को वह दूध लाने का बहाना करके घर से भाग आई। घर से निकलते समय उसके पास कुछ कपड़े और महज 50 रुपये थे। वह लखनऊ जाना चाहती थी, लेकिन इतने बड़े शहर में वह भटक गई। तभी उसकी मदद के लिए एक ऑटो ड्राइवर राधे आगे आए। राधे ने बताया कि रश्मि ने उसे पूरी कहानी बताई। उन्होंने प्राइमरी स्कूल की टीचर सपना चौधरी से राय ली। उन्होंने महिला आयोग जाकर मामला दर्ज करवाने की सलाह दी।

इसके बाद रश्मि को महिला आयोग ले जाया गया। आयोग की मेंबर मंजू एस हेमब्रॉम की पहल पर मामला दर्ज कर लिया गया। रश्मि का मेडिकल चेकअप भी किया गया है। मंजू ने बताया कि रश्मि की शिकायत पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि लड़की को वापस लखनऊ भेज दिया जाएगा।
(समाचार, विभिन्न समाचार पत्रों से)

Saturday 23 August 2008

जन्माष्टमी पर जुआ! महिलाएं भी पीछे नहीं

जन्माष्टमी पर जुआ! यह कोई अनोखी बात नहीं। पर इस बार यह कहा जा रहा है कि कृष्ण जन्माष्टमी पर मर्द ही नहीं, औरतें भी क्लबों, होटलों और फार्महाउसों में जमकर जुआ खेलेंगी। कई होटलों में तो औरतों के लिए स्पेशल टेबल भी बुक किए गए हैं ताकि वे आराम से दांव लगा सकें। इसके अलावा किटी पार्टियों में भी ताश की जबरदस्त बाजियां लगाई जाने वाली हैं।

जैसा कि उर्वी शाह कहती हैं, हम किसी सहेली के घर इकट्ठा हो जाते हैं और वहां पर जुआ खेलते हैं। इससे हमारी रूटीन किटी पार्टियों में अलग ही रंग आ जाता है। हां, हम यह तय कर लेते हैं कि हमें किस हद तक दांव लगाना है। हम कोई पक्के जुआरी तो हैं नहीं। हमारा इरादा तो बस मजे करना होता है।

तीन पत्ती यहां का सबसे पॉपुलर कार्ड गेम है। वैसे यहां हर तरह का खेल खेला जाता है- कलर्स, सीक्वेंस, ऑल्टरनेट, ऑड इवेन, डर्बी, सब कुछ। बहुत सी औरतें तो होटल मे कमरा बुक करके भी इस मजे को लूटने से पीछे नहीं हटतीं।

इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जुड़ी कृपा कहती है, मेरी 30 सहेलियां जन्माष्टमी के दिन घर पर आ जाती हैं। सभी अपने-अपने घर से कुछ न कुछ पकाकर लाती हैं। हम सब मिलकर खाते-पीते हैं और इसके बाद ताश की बाजी लगती है। मजाल है कि कोई बाजी छोड़कर उठ जाए। इसे अशुभ माना जाता है।

पोकर को पहले मर्दों का खेल माना जाता था। पर अब इसमें भी यह बंटवारा खत्म हो गया है। तीन पत्ती की तरह इसमें भी बस थोड़ा सा दिमाग लगाने की जरूरत होती है। उर्वी शाह कहती हैं, हम 10,000 रुपए से ज्यादा का जुआ नहीं खेलते। बस, मजे के लिए इतना ही काफी है।
(शब्दश: इकोनोमिक टाइम्स से साभार )

पति से झगड़े के बाद बेटे को खाड़ी में फेंका

मुम्बई की ख़बर है, पति के साथ हुए झगड़े के बाद गुस्साई एक मां ने चलती लोकल में से अपने तीन साल के बेटे को भाईंदर खाड़ी में फेंक दिया और उसके बाद नौ साल की बेटी व सात वर्षीय दूसरे बेटे के साथ स्वयं छलांग लगाने की कोशिश की। डिब्बे में रही अन्य महिला यात्रियों ने उस महिला व बच्चों को पकड़ लिया जिससे उनकी जान बच गई। तीन वर्षीय यश नामक लड़के की खाड़ी में फेंके जाने से मौत हो गई।

मुम्बई के मालाड स्थित कुरार व्हिलेज में रहने वाली छाया का उसके पति के साथ अक्सर घर की बातों को लेकर झगड़ा होता रहता था। नवभारत टाइम्स के अनुसार, एक औद्योगिक इकाई में काम करने वाला पति कमलाकर कदम दोपहर के खाने के लिए घर आया और उसने पत्नी को खाना गरम करने को कहा। उसी वक्त पति पत्नी में किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ। गुस्साई पत्नी ने तीन वर्षीय बेटे यश, सात साल के घनश्याम एवं दस वर्षीय बेटी वर्षा को अपने साथ लिया और ट्रेन पकड़ कर विरार गई और फिर विरार से चर्चगेट की ओर आने लगी। उसी दौरान लोकल जैसे ही भाईंदर खाड़ी पर पहुंची उसने यश को खाड़ी में फेंक दिया और अन्य दो बच्चों के स्वयं आत्महत्या करने के लिए छलांग लगानी चाही।

अपडेट-27 अगस्त: छाया कदम ने भायखला जेल के शौचालय में फांसी लगा ली। जेल में बंद छाया ने अपनी साड़ी को फांसी का फंदा बनाया।

Saturday 16 August 2008

महिलाओं ने पोती, महिला के मुंह पर कालिख

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर कांगडा जिले के पालमपुर थाना के गांव मट्ट में एक विवाहिता के मुंह पर कालिख पोत कर उसे गांव में घुमाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। महिला के साथ ऐसा सलूक करने वाले कोई और नहीं, गांव के महिला मंडल के ही सदस्य थे। कांगड़ा जिले में संभवत : यह इस प्रकार का पहला मामला है। पुलिस ने मामला भी दर्ज कर लिया है।

जागरण की ख़बर के मुताबिक उक्त गांव की विवाहिता बीना देवी पत्‍‌नी राजेश कुमार को यह सजा इसलिए मिली क्योंकि उसका गांव के ही एक अविवाहित युवक अजीत कुमार पुत्र मिलाप चंद के साथ उसका प्रेम प्रसंग बताया जा रहा है। इसी चक्कर में गांव से फरार होने व उसके बाद अजीत कुमार की लाश नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र के छू घेरा में मंगलवार रात को मिली थी। पालमपुर थाना के प्रभारी बदरी सिंह ने इस बात की पूष्टि करते हुए बताया कि पुलिस को इस मामले की सूचना मिलते ही पुलिस ने उक्त गांव में पहुंच कर स्थिति पर काबू पाया। उन्होंने बताया कि पुलिस गांव की 25 महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

Monday 4 August 2008

सौतन के पेट पर लातें मार कर, जुड़वां बच्चे गिराए

बच्चों का सुख हासिल करने के लिए एक व्यक्ति ने अपनी पहली पत्नी की सहमति से दूसरी शादी रचाई। फिर दो साल तक बच्चे होने का इंतजार किया। लेकिन पहली पत्नी को सौतन की खुशी बर्दाश्त नहीं हुई और उसने बिना वजह झगड़ा कर उसके पेट में इतनी लातें मारीं, जिससे उसके पेट में पल रहे जुड़वां बच्चे गिर गए। फाजिल्का के महिंदर की यह दूसरी शादी थी। पहली पत्नी दारो बाई से बच्चा न होने के चलते उसने दारो बाई की सहमति से दूसरी शादी की। पहले तो सब ठीकठाक चलता रहा। दो साल बाद जब रानो के गर्भ में छह महीने के दो जुड़वां बच्चे पल रहे थे, तो दारो बाई से सौतन की खुशी बर्दाश्त नहीं हुई। वह कई दिनों से रानो बाई से बात-बात पर झगड़ती थी। बीते शनिवार की शाम दारो बाई ने पति महिंदर सिंह की गैरहाजिरी में रानो से झगड़ा किया और उसे जमीन पर गिराकर उसके पेट में लातें मार-मारकर उसके पेट में पल रहे दोनों बच्चे गिरा दिए।

सूचना मिलने पर माहला राम ने खून से लथपथ रानो को सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया। पुलिस को खबर की गई। पुलिस ने रानो के बयान दर्ज कर उसकी सौतन दारो बाई के खिलाफ भादंसं की धारा 316 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

महिंदर सिंह दारो बाई की करनी से बेहद क्षुब्ध है। वह अस्पताल बैठा हुआ लगातार रो रहा है।

Saturday 19 July 2008

जीजा ने शादी से इंकार किया तो साली ने भांजी का अपहरण कर प्रताड़ित किया

अपनी बहन की मौत के बाद साली ने जीजा से विवाह करने की इच्छा जताई। जीजा ने साली से विवाह करने से इनकार किया तो नाराज साली ने अपनी भांजी का अपहरण कर लिया। अपहरण के बाद उस साली ने अपनी बहन की बेटी को तरह-तरह से प्रताड़ित किया। आखिरकार मुंब्रा पुलिस ने 14 साल आयशा को उसकी मौसी के चंगुल से छुड़ाया और मौसी के एक साथी को गिरफ्तार किया। फरार मौसी बदरूनिशा ने अग्रिम जमानत ले रखी है पुलिस उसकी जमानत अवधि खत्म होने का रास्ता देख रही है।

नवभारत टाइम्स की ख़बर है कि जहीर बेग अपनी बेटी आयशा व पत्नी के साथ मुंब्रा के कौसा परिसर में रहता था। साल 2004 में जहीर की पत्नी की मौत हो गई थी। पत्नी के मौत के बाद छोटी आयशा की देखभाल के लिए पिता जहीर ने दूसरा विवाह करने की सोची। जहीर की मृत पत्नी की बहन बदरूनिशा ने अपने जीजा के सामने स्वयं के विवाह का प्रस्ताव रखा। जीजा ने साली से विवाह करने से साफ इनकार कर दिया था। इसके बाद से नाराज बदरूनिशा ने जीजा से बदला लेने की ठान ली। पिछले दिनों मौका पाकर बदरूनिशा ने जहीर की बेटी आयशा का अपहरण कर लिया और उसे मीरा रोड स्थित अपने दोस्त इरफान के घर में कैद कर रख दिया। बदरूनिशा जीजा से बदला लेने के लिए अपहरण के बाद आयशा को प्रताडि़त करने लगी और आयशा से कहा कि वह पुलिस में अपने पिता के खिलाफ यौन प्रताड़ना का मामला दर्ज कराए।

इसी बीच आयशा ने अपनी मौसी बदरूनीशा के मोबाइल फोन से अपने पिता के मोबाइल पर कई बार मिस कॉल दिया। मिस्ड कॉल मिलता देख जहीर को संदेह हुआ और उसने यह बात मुंब्रा पुलिस को बताई। मुंब्रा पुलिस ने इस कॉल को ट्रेस किया और फिर मीरा रोड स्थित एक घर पर छापा मारकर वहां बंद आयशा को उसकी मौसी के चंगुल से मुक्त कराया। पुलिस ने वहां उपस्थित इरफान नामक युवक को धर दबोचा। आयशा को उसके पिता के हवाले किया गया है।

Monday 14 July 2008

बहू के उत्पीड़न से तंग सास ने, बेटों के साथ, आत्महत्या की

महोबा में, बहू द्वारा दहेज उत्पीड़न का झूठा मुकद्दमा दर्ज कराने और उसके बाद जेल जाने से शर्मशार एक मां ने अपने दो जवान बेटों के साथ कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में पुलिस ने लड़के की पत्नी, साले, साली, सास और ससुर के खिलाफ आत्महत्या के लिए विवश करने का मामला दर्ज किया है। आत्महत्या करने के 24 घंटे बाद तक मां सरमन, बेटे प्रमोद व आमोद के शव पलंग पर पड़े रहे। घर पर कोई हलचल न होने और आवाज देने पर भी कोई जवाब न आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचित किया। 10 जुलाई की रात को पुलिस ने अंदर लगा ताला तोड़कर प्रवेश किया तो उसने तीनों को मृत अवस्था में पडे़ पाया।

पुलिस ने 11 जुलाई को मृतक प्रमोद की पत्नी गायत्री उर्फ प्रेम कुमारी, साले दिलीप, सास फूलकली उर्फ कलावती, साली दयावती तथा ससुर भोलाराम के विरूद्ध धारा 306 के तहत मुकद्दमा पंजीकृत किया गया है। पुलिस को 12 पृष्ठों का सुसाइड नोट मिला है। इसमें कहा गया है कि प्रमोद की पत्नी प्रेमकुमारी व उसके परिवारजनों द्वारा उनके खिलाफ दहेज उत्पीड़न का झूठा मुकद्दमा पंजीकृत कराया गया था।
(समाचार स्त्रोत: दैनिक सहारा)

Wednesday 9 July 2008

अपना बच्चा बेच दिया, पति का श्राद्ध कराने के लिए

बिहार में एक गरीब महिला ने पति के श्राद्ध के लिए अपने जिगर के टुकड़े का सौदा कर लिया। बच्चा डेढ़ महीने का है। पुलिस ने बच्चे को एक बेऔलाद दंपति के हाथों में सौंपने से पहले ही महिला को पकड़ लिया। 20 वर्षीय पार्वती (बदला हुआ नाम) गया शहर के पटवा टोली की बताई गई है। सिविल लाइंस थाने के ऑफिसर इंचार्ज चंद्रशेखर प्रसाद सिन्हा ने बताया कि उसके साथ दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार लोगों में उसका पड़ोसी नूरमणि सूरदास भी है जिसने बच्चे के लिए 10 हजार रुपए दिए थे।

सिन्हा के मुताबिक पुलिस ने इन लोगों को गया कोर्ट परिसर में गिरफ्तार किया। ये लोग कागजी कार्रवाई के लिए गए थे। पार्वती के पति राजकुमार साव की कुछ दिन पहले ट्रेन से कट कर मृत्यु हो गई थी। नवभारत टाइम्स की ख़बर के अनुसार, पैसे न होने के कारण वह बच्चे को बेच कर पति का श्राद्ध करना चाहती थी। उसने पुलिस को बताया कि सूरदास ने उसे बच्चे के लिए 10 हजार रुपए दिए थे।

प्रेमी को उकसाकर मां ने कराया बेटे का कत्ल

जब मां को अपने बेटे से ज्यादा आशिक प्यारा लगने लगा तो उसने अपने ही बेटे को मौत की नींद सुला दिया। योजना को इतनी सफाई से अंजाम दिया गया कि पुलिस भी इस मामले में गुमराह हो गई। लेकिन मृतक आकाश के चाचा व गांव के लोगों की मदद से इस राज से पर्दा उठ गया। पुलिस ने इस मामले में मृतक आकाश की मां कमलेश सहित उसके प्रेमी आजाद को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। जहां से अदालत ने आजाद को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 15 जून को धतीर दूधौला रोड पर पुलिस को एक एस्टीम कार जली हुई हालत में मिली थी। पुलिस ने उस दौरान गाड़ी से एक युवक की लाश को भी बरामद किया था जो बुरी तरह से जल गई थी। बाद में गाड़ी नंबर से पता से पता चल सका कि यह गाड़ी पृथला गांव के रहने वाले आकाश की है। 15 जून को पुलिस ने गाड़ी में आग लगने का कारण गैस सिलेंडर का लीक होना माना था।

तफ्तीश के दौरान आकाश के चाचा विजय कुमार ने हत्या की आशंका जताई। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में कमलेश ने बताया कि जब आकाश 6 माह का था तो उसके पति वीर सिंह की मौत हो गई थी। उसके बाद उसने ज्ञानचंद की चूडि़यां पहन लीं। करीब दो साल पहले उसके और आजाद के बीच संबंध बन गए। आकाश इस बात का विरोध करता था। इसलिए कमलेश के इशारे पर उसके प्रेमी आजाद ने अपने दोस्त जोगेंद्र के साथ मिलकर आकाश की हत्या कर दी।

पुलिस के अनुसार आजाद ने बताया कि 15 जून को उसने आकाश को फोन करके छपरौला मोड़ पर बुलाया। आकाश कार लेकर पहुंचा जहां आजाद ने प्लान के अनुसार उसे शराब पिलाई। जब आकाश नशे में धुत हो गया तो दोनों ने उसे ड्राइवर सीट पर बैठा दिया। फिर गाड़ी पर तेल छिड़क दिया व गैस की पाइप निकाल दी। काफी दूर जाकर गाड़ी को आकाश सहित आग लगा दी। दोनों मौके से फरार हो गए। पुलिस ने इस मामले में कमलेश व आजाद को गिरफ्तार कर लिया है तथा जोगेंद्र की तलाश कर रही है।

Wednesday 2 July 2008

हर ऑस्ट्रेलियाई औरत के 13 सेक्स पार्टनर: सर्वे कहता है

एक सर्वे के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में औरतों के औसतन 13 अलग-अलग सेक्स पार्टनर होते हैं। ऑनलाइन सर्वेक्षण के मुताबिक महिलाएं अपने पति और प्रेमी को गच्चा देकर अलग-अलग पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करने की कोशिश करती हैं। इस कवायद के पीछे अपनी काम-क्रीडा फंतासियों को सच करने की मानसिकता काम करती है।

The Daily Telegraph में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सर्वेक्षण यह भी दावा करता है कि प्रत्येक तीन में से एक महिला को जबरन शारीरिक सम्बन्ध स्थापित करना पड़ा है। ज्यादातर मामलों में उनकी जान-पहचान के पुरुषों ने ऐसा किया। सर्वे के नतीजों पर आधारित एक किताब में ऑस्ट्रेलियाई औरतों के सेक्स जीवन में यौन उत्पीड़न से जुड़े औरतों के तमाम अनुभव दर्ज किए गए हैं। इसे फिल्म विकास अधिकारी जॉन सॉअर्स ने लिखा है। सर्वे में हर उम्र की दो हजार औरतों ने अपने अच्छी, बुरी और अत्याचार के तहत की गई काम-क्रीडा़यों को कहानियों और विचारों के जरिए जाहिर किया है।

इसके मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में नियमित तौर पर प्रत्येक चार में से एक महिला अश्लील फिल्में देखती है। लगभग 61 फीसदी महिलाएं कम से कम महीने में एक बार हस्तमैथुन करती हैं। हर पांच में से एक महिला ने सेक्स करने के दौरान विडियो रिकॉर्डिंग की है, यानी अपना ख़ुद का सेक्स टेप तैयार किया है। सर्वे में दावा किया गया है कि महिलाओं में अलग-अलग लोगों के साथ सेक्स करने की चाहत तेजी से बढ़ रही है। कई महिलाओं को अपनी सेक्स लाइफ रूखी होने की शिकायत है। तीन में से एक महिला को ही कभी-कभी चरमसुख महसूस हुआ है। लगभग आधी ( 49 फीसदी) महिलाओं ने कहा है कि जब भी मौका मिले, हम सेक्स करना चाहेंगे। जॉन का कहना है कि कई महिलाएं भावनात्मक संबंधों की तलाश में रहती हैं, लेकिन ज्यादातर को ऐसे साथी की तलाश है जो बिस्तर पर ठीक से प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हों। उन्हें ऐसे पुरुष चाहिए जो ज्यादा वक्त तक प्यार करने में सक्षम हों। हालांकि इन बेबाक ख्यालों वाली औरतों ने सेक्स के पहले भावनात्मक करीबी की चाह भी प्रकट की है।

जॉन के मुताबिक औरतों को यह समझना होगा कि उनकी आवाज और ख्याल ही उनके सबसे कामुक अंग हैं। जब तक वे अपनी कल्पनायों और जरूरतों के बारे में नहीं बताएंगी, पुरुषों को कैसे पता चलेगा। औरतें चरमसुख महसूस करने का दिखावा तो करेंगी, लेकिन अपनी कामुक जरूरतों के बारे में साथी से बात नहीं करेंगी।

ज्यादा जानकारी यहाँ ...

The average Australian woman has 13 different sex partners in her life, a major online survey has found. Women are also cheating more on husbands and boyfriends, are becoming more sexually experimental and are exploring porn.

Men needed to be "trained" on good sex techniques, but also how to treat women appreciably.

Read more here ...

Sunday 29 June 2008

अमीर भारतीय महिला की क्रूरता

अमेरिका में भारतीय मूल की एक महिला को अपने घर में दो इंडोनेशियाई नौकरानियों को गुलाम बनाकर रखने के आरोप में 11 वर्ष की कैद की सजा सुनाई गई है। सेंट्रल इस्लिप की जिला अदालत ने 46 वर्षीया वर्षा सभनानी को 11 वर्ष की कैद के अलावा उसे तीन वर्ष के प्रोबेशन और 25 हजार डॉलर जुर्माने की सजा भी सुनाई गई है। वर्षा के साथ उसके करोड़पति पति महेंद्र सभनानी को भी दोषी पाया गया। माना जा रहा है कि महेंद्र को शुक्रवार को सजा सुनाई जाएगी। उन्हें दो से तीन वर्ष की कैद की सजा मिल सकती है।

वर्षा
ने जिन दो महिलाओं को गुलाम बनाकर रखा था, उसमें से एक 2002 और दूसरी 2005 में इंडोनेशिया से आई थी। इन दोनों को वर्षा पैसे नहीं देती थी बलिक इनके परिवार वालों को सौ डॉलर प्रति महीने भेज देती थी। उनके पासपोर्ट और सभी कानूनी कागजात छीन लिए गए थे और उन्हें लगातार मारा-पीटा जाता था, भूखे रखा जाता था। एक बार जब एक नौकरानी भूख बर्दाश्त नहीं कर पाने के कारण कचरे के डिब्बे से खाना बीन कर खाने लगी तो वर्षा ने उसे लाल मिर्चियां खाने पर मजबूर किया और मिर्च खाते-खाते जब कड़ुवाहट बर्दाश्त नहीं कर पाने के कारण नौकरानी ने उल्टी कर दी तो उसे वर्षा ने वही वमन वापस खाने पर मजबूर किया। वर्षा उन नौकरानियों को फर्श पर सोने और कड़कड़ाती ठंड में ठंडे पानी से नहाने की सजा अक्सर देती थी।

उसका भांडा तब फूटा जब कुछ महीने पहले उसकी एक नौकरानी घर से निकल भागी। वह घूमती हुई एक खाने के स्टोर में चली गई। तब उसके बदन पर कपड़े नहीं बल्कि फटे- पुराने चीथड़े लटक रहे थे। उसकी हालत देख कर स्टोर के मालिक ने पुलिस को फोन कर दिया। वर्षा को अमानवीय प्रताड़ना देने के आरोप में और उसके पति महेन्द्र को इन अत्याचारों को नहीं रोकने तथा उससे लाभ उठाने के आरोप में सजा मिलेगी। जज आर्थर स्पैट का कहना था, "महेंद्र सभनानी ख़ुद एक कामयाबी की कहानी हैं जिन्होंने भारत से आकर अमरीका में अप्रवासी के दौर से गुज़रकर व्यापार में कामयाबी हासिल की। उन्हें तो इन सारी चीज़ों का अंदाज़ा ज़रूर रहा होगा और उन्होंने अत्याचार रोकने के लिए कुछ नहीं किया।" महेंदर 51 साल के हैं और वर्षा 45 साल की। इनके परिवार में दो बेटियां औऱ एक बेटा हैं। तीनों बच्चे भी सज़ा सुनाने के समय अदालत में मौजूद थे।

महेंदर और वर्षा को पिछले साल मई में गिरफ़्तार किया गया था। सभनानी दंपत्ति न्यूयॉर्क के करोड़पतियों में गिने जाते हैं। न्यूयॉर्क के साथ-साथ इनका विश्व के कई देशों में परफ़्यूम का बिज़नेस फैला हुआ है। सभनानी परिवार के वकील का कहना है कि उनके मुवक्किल को बहुत कठोर सज़ा सुनाई गई है।

Saturday 21 June 2008

एकमत से लिया गर्भवती होने का फैसला

न्यूयार्क के ग्लूसेस्टर स्थित एक हाई स्कूल में पढ़ने वाली 17 किशोरियां एक साथ गर्भवती हो गई हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि उन्होंने एक साथ शिशुओं को जन्म देने और उनका पालन पोषण करने का सामूहिक फैसला किया है। सभी गर्भवती छात्राओं की उम्र 16 साल से कम है। इस मामले का पता अक्टूबर में चला जब बड़ी संख्या में स्कूली छात्राओं ने स्कूल के क्लीनिक में आकर पूछताछ करना शुरू कर दी कि कहीं वे गर्भवती तो नहीं है। मई तक कई लड़कियां बार-बार लौटीं। जब उन्हें पता चलता था कि वे गर्भवती नहीं हैं तो व्यथित दिखाई देती थी।

रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछेक साधारण सवालों से यह पता चल गया कि उन्होंने मिल जुलकर गर्भवती बनने का फैसला किया है। इसके बाद हालात खराब हो गए। इनमें से एक गर्भवती लड़की का साथी 24 साल का एक बेघर युवक है। आगे क्या किया जाए इस बात को लेकर कैथोलिक समुदाय में बेहद विवाद हो गया है। वर्ष 2006 में राष्ट्रीय आंकड़ों में किशोरियों के गर्भवती होने के मामलों में तीन प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।

जिन लड़कियों ने एक साथ गर्भवती होने का यह फैसला किया है, उन्होंने साक्षात्कार देने से इनकार कर दिया। उनके अभिभावकों ने भी बातचीत करने से इनकार कर दिया, लेकिन ग्लूसेस्टर हाई से आठ जून को स्नातक उपाधि लेने वाली अमांडा आयरलैंड को लगता है कि उन्हें मालूम है कि लड़कियों ने एक साथ गर्भवती होने का फैसला क्यों किया। आयरलैंड [18] ने जब अपने शिशु को जन्म दिया था तो अब गर्भवती होने वाली कुछ सहपाठी लड़कियां नियमित तौर पर उसके पास आती थी और कहती थी कि वह कितनी भाग्यशाली है कि उसने शिशु को जन्म दिया है। आयरलैंड ने कहा कि वे इस बात से इतनी उत्साहित थीं कि आखिर कोई तो ऐसा है जो उन्हें बिना शर्त प्रेम करने के लिए तैयार है।

Friday 20 June 2008

पहले जहर, फिर आग

एक तरफ पति-पत्नी के झगड़ने के मामले आ रहे हैं, वहीं नंदग्राम में पत्नी के वियोग में एक व्यक्ति ने जहर खाकर खुद को आग लगा ली। पहले उसने जहर खा लिया। उसके बाद भी जब पत्नी के मायके वाले नहीं पसीजे, तो उसने खुद को आग लगा ली। सुसराल वालों ने उसे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल लाया। उसकी बिगड़ी हालत देखकर डॉक्टरों ने उसे दिल्ली रेफर कर दिया।

स्ट्रीट नंबर टू में रहने वाले रतिराम की पत्नी किसी बात से नाराज होकर तीन महीने पहले मायके चली गई थी। मंगलवार रात रतिराम ससुराल पहुंच गया। इस बार भी उसकी पत्नी ने जाने से मना कर दिया। इस पर गुस्से में रतिराम ने अपनी जहरीला पदार्थ खा लिया। इसके बाद उसने एक बार फिर से सुसराल वालों से पत्नी को उसके साथ भेजने के लिए कहा। ससुराल वालों ने तब भी उसकी पत्नी को भेजने से मना कर दिया। इस बात से आहत रतिराम ने खुद को लगा ली। ससुराल वालों ने किसी तरह आग बुझाई और उसे गंभीर हालत में डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ले गए। हालत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। रतिराम के परिजनों ने सिहानी गेट पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

नवभारत टाइम्स के अनुसार रतिराम की शादी पांच साल पहले पड़ोस में रहने वाले परम की बेटी बेबी से हुयी थी। दंपती को एक बेटा और बेटी है। बताया गया है कि लगभग तीन महीने बेबी पति से नाराज होकर मायके चली गई थी। रतिराम के लगातार उसे घर बुलाने पर भी वह आने को तैयार नहीं थी।

Wednesday 18 June 2008

मेरी मौत की जिम्‍मेदार, मेरी पत्‍नी

आत्महत्या करने वाले युवक योगराज ने अपने खून से कमरे की दीवार पर लिखा कि मेरी मौत की जिम्मेदार मेरी पत्नी रेणु है। इसके बाद योगीराज ने जमकर शराब पी और पंखे से लटक कर, अपनी पत्नी की बेवफाई से तंग आकर जान दे दी।

योगीराज दिल्ली के ललित पार्क इलाके में रहता था। वह नोयडा के सरकारी अस्पताल में काम करता था। लेकिन पिछले कुछ दिनों उसकी जिंदगी में एक तूफान सा आ गया था। इस तूफान की वजह थी उसकी पत्नी की जिंदगी में आया एक दूसरा युवक विनोद। रेणु और विनोद के रिश्ते इतने आगे बढ़ गए कि रेणु दो दिनों पहले उसके साथ भाग गई। वह अपने साथ अपनी एक बेटी को भी ले गई। इस दुःख को योगराज बर्दाश्त नहीं कर सका और उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया। पुलिस ने उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
(साभार: IBN7)

76 वर्षीया महिला, पांच पतियों की हत्यारी ?

अमेरिका के उत्तरी कैरोलाइना राज्य में, पुलिस ने 76 वर्षीया एक महिला को पांच पतियों की हत्या के शक में हिरासत में लिया है। बेटी न्यूमर नामक इस 76 वर्षीया महिला के पति हैरोल्ड जेंट्री की 1986 में गोली लगने से मौत हो गई थी। पुलिस के जासूसों का कहना है कि न्यूमर ने हैरोल्ड की हत्या के लिए कई हत्यारों को भाड़े पर लेने की कोशिश की थी। इनमें से एक भावी हत्यारे ने पुलिस को इस बात की सूचना भी दी थी लेकिन किसी ने उस सूचना पर ध्यान नहीं दिया।

हैरोल्ड, बेटी न्यूमर का चौथा पति था। उसकी मौत कथित तौर पर गलती से खुद पर गोली चला लेने से हुई थी। लेकिन हैरोल्ड के भाई का कहना था कि उस समय कमरे में सिर्फ न्यूमर मौजूद थी, इसलिए उसकी भूमिका की जांच कराई जाए। उससे पहले न्यूमर के तीसरे पति की मौत भी गोली लगने से हुई थी। न्यूमर के पांचवे पति की मौत शरीर में सड़न फैल जाने से हुई थी। पुलिस को शक है कि यह धीमा जहर दिए जाने का परिणाम हो सकता है।

1950 के दशक से आरंभ कर बेटी न्यूमर ने पांच शादियां कीं। हर शादी का अंत उसके पति की मौत के साथ हुआ। इन पांचों पतियों में एक और समानता थी, वे सभी सैन्य पृष्ठभूमि के थे। बेटी न्यूमर का एक खास तरीका था कि वह शादी के बाद अपने पति को उसके परिवार से पूरी तरह काट देती थी, कोई संपर्क नहीं रखने देती थी। एक बार तो उसके एक पति के बेटों को अखबार में खबर पढ़ कर अपने पिता की मौत का पता चला। उसने पांचों शादियां पांच अलग-अलग राज्यों में कीं।

1986 में हैरोल्ड जेंट्री की मौत के बाद उसके भाई अल जेंट्री ने पुलिस से कई बार अनुरोध किया के हैरोल्ड की मौत में न्यूमर का हाथ होने की जांच की जाए। पहले उसकी बात किसी ने नहीं सुनी लेकिन अब बीस साल बाद पुलिस इस मामले की फिर से तहकीकात कर रही है। वह बेटी न्यूमर के बाकी चार पतियों की मौत की भी तहकीकात कर रही है। फिलहाल बेटी न्यूमर जेल में बंद है। उसका कोई वकील नहीं है और हैरोल्ड के साथ हुई उसकी बेटी ने मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

Tuesday 17 June 2008

गाँव वालो, मैं 11 हजार वोल्ट की तार को छू रही हूँ ...

फरीदाबाद में सोमवार दोपहर करीब दो बजे एक महिला बाजड़ी गांव के खेतों में 11 हजार वोल्ट की तार वाले पोल पर चढ़ गई। वह धीरे-धीरे तारों की तरफ बढ़ रही थी। उसे पोल पर चढ़ते हुए ग्रामीण ने देख लिया। उसने इसकी सूचना गांव वालों को दी। थोड़ी ही देर बाद गांव वालों की भीड़ मौके पर पहुंची और महिला को नीचे उतरने के लिए कहने लगे। महिला ने उतरने से इनकार कर दिया। उसके बाद कुछ ग्रामीण रस्सा वगैरह लेकर पोल पर चढ़ती महिला को उतारने के लिए चढ़ गए। इससे पहले कि महिला तारों तक पहुंच पाती, ग्रामीणों ने उसे पोल पर ही पकड़ लिया और उसे जैसे-तैसे करके पोल से नीचे उतार लिया। बाद में महिला को पुलिस के हवाले कर दिया गया।

महिला के पोल पर चढ़ी होने के दौरान किसी ने इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दे दी। सूचना मिलते ही डीएसपी बल्लभगढ़ कुलदीप सिंह अन्य पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस की सूचना पर फायर बिग्रेड की टीम भी मौके पर पहुंची। इस बारे में थाना मुजेसर प्रभारी चरण सिंह ने बताया कि महिला कुछ बोल नहीं रही है। इसलिए उसका नाम व पता नहीं चल रहा है। महिला को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा।
(समाचार दैनिक जागरण से साभार)

"मैं तुम्हारे पास आ रही हूँ" और वह चली गयी

स्यूसाइड नोट में उसकी सुंदर लिखावट देखकर पुलिस वाले भी हैरत में रह गए। उसने लिखा है कि 'मुकेश, मैं तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करती हूं। मैं तुम्हारे बगैर नहीं रह सकती। मैं तुम्हारे पास हमेशा के लिए आ रही हूं।' प्रेमी की खुदकुशी के बाद डिप्रेशन में चली गई प्रेमिका ने जहर खाकर अपनी जान दे दी। कम्प्यूटर इंजीनियरिंग कर रही लड़की ने अंग्रेजी में लिखे स्यूसाइड नोट में हमेशा के लिए अपने प्रेमी के पास जाने की बात लिखी है। उसके पिता रक्षा मंत्रालय में नौकरी करते हैं। शिल्पी के प्रेमी मुकेश ने 19 मार्च को उसके घर के सामने खुदकुशी की थी।

यह हादसा शनिवार रात 12 बजे नजफगढ़ के जय विहार फेज-2 में हुआ। सीआरपीएफ के 'बनी कैम्प' के नजदीक मकान नंबर बी-5 में रहने वाले परमसुख वर्मा की बेटी शिल्पी वर्मा (19) ने जहर खा लिया। उल्टियां होने पर वे उसे हॉस्पिटल ले गए। इलाज के दौरान डीडीयू हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गई। शिल्पी का अंग्रेजी में लिखा स्यूसाइड नोट पुलिस को बरामद हुआ है। उसने लिखा है कि 'मुकेश, मैं तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करती हूं। मैं तुम्हारे बगैर नहीं रह सकती। मैं तुम्हारे पास हमेशा के लिए आ रही हूं।'

शिल्पी नजफगढ़ में प्राइवेट इंस्टिट्यूट से कम्प्यूटर इंजीनियरिंग कर रही थी। उसकी जान पहचान दीनपुर गांव के रहने वाले मुकेश से हो गई थी। दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन उनके परिवार इसके लिए तैयार नहीं थे। दोनों की जातियां अलग थीं। परिवारों के विरोध के चलते दोनों 16 मार्च को घर से लापता हो गए थे।

दो दिन बाद दोनों के घरवाले उन्हें नरेला से पकड़ कर ले आए और दोनों को अलग कर दिया। 19 मार्च की रात मुकेश शिल्पी के घर के सामने पहुंचा। शिल्पी के पिता ने उसे भगा दिया। कुछ देर बाद आकर मुकेश ने अपने ऊपर कैरोसिन डालकर खुद को आग के हवाले कर दिया। अगली सुबह सफदरजंग हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गई थी।
इस घटना के बाद शिल्पी डिप्रेशन में चली गई थी। चिंता में पड़े उसके परिवार के लोग उसका खास ख्याल रखते थे। एक महीने से वह ठीक रहने लगी थी। शिल्पी मेधावी छात्रा थी।
(समाचार नवभारत टाइम्स के सौजन्य से)

Friday 13 June 2008

अलग रहने की चाहत में बहू ने सास-ससुर को जहर दिया

उत्तर प्रदेश के थाना कोतवाली इलाके के पीन्ना गांव में एक बहू ने अपने सास-ससुर को इसलिए जहर दे कर मारने की कोशिश की क्योंकि वह उनसे अलग रहना चाहती थी। दोनों अस्पताल में भर्ती हैं। पुलिस के मुताबिक उसके पति अरविंद ने अपनी पत्नी पूजा और उसके भाई रोबिन के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। फिलहाल दोनों भाई-बहन फरार हैं।

पूजा की शादी नौ महीने पहले अरविंद से हुई थी। शादी के बाद वह शुरू से अपने पति के साथ अलग रहना चाहती थी लेकिन अरविंदन पति अपने माता-पिता को अकेले नहीं छोड़ना चाहता था। इस पर पूजा ने दोनों को चाय में जहर मिलाकर दे दिया। दोनों की हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया। घटना के समय अरविंद घर पर नहीं था। पुलिस ने पूजा और उसके भाई रोबिन के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।

शादी करने के लिए रचा ख़ुद के अपहरण का नाटक

पुलिस ने सनसनीखेज अदिति त्यागी अपहरण केस से पर्दा उठा दिया है। पुलिस ने गुड़गांव से अदिति को उसके कथित प्रेमी मुद्दसर इरफान के साथ गिरफ्तार कर लिया। एसपी सिटी विजय भूषण ने बताया कि अदिति ने प्रेमी के साथ मिलकर खुद के किडनैप का नाटक रचा। पुलिस के अनुसार अदिति प्लान के मुताबिक अपने घर से गई थी। उसने पुलिस और परिवार को गुमराह करने के लिए ही उसने अपनी कार को हिंडन नदी में धकेल दिया था।

शास्त्रीनगर ई ब्लॉक निवासी ए. पी. त्यागी की बेटी अदिति नोएडा में एक मल्टीनैशनल कंपनी में सीनियर टेली मार्केटिंग एग्जेक्यूटिव की पोस्ट पर कार्य करती है। सोमवार को कंपनी से लौटते समय अदिति संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गई थी। उसकी कार वसुंधरा स्थित हिंडन नदी में आधी डूबी हुई बरामद हुई थी। अदिति का पर्स और सैलरी का चेक भी कार में मिला था। अदिति के परिजनों ने अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

बुधवार को पुलिस ने अदिति को इंदिरापुरम थाने में मीडिया के सामने पेश किया। उसके साथ उसका कथित प्रेमी मुद्दसर इरफान भी था। कैला भट्ठा में रहने वाले डॉक्टर इरफान का पुत्र मुद्दसर गुड़गांव में ही जैनेटिक कंपनी में एग्जेक्यूटिव के पद पर कार्य करता है। एसपी सिटी ने बताया कि अदिति को गुड़गांव के सेक्टर-17 स्थित सुखराली गांव में स्थित एक मकान से बरामद किया गया। उन्होंने बताया कि पूछताछ में अदिति ने स्वीकार किया कि उसी ने कार को हिंडन में धकेला था, जिससे उसका गायब होना किडनैप लगे।

एसपी सिटी ने बताया कि मंगलवार की देर शाम अदिति के फोन डिटेल्स और सर्विलांस से उसके गुड़गांव में होने की जानकारी पुलिस को लग गई थी। जिसके बाद सुबह 3:30 बजे पुलिस ने छापा मारा और दोनों को बरामद कर लिया। उन्होंने बताया कि अदिति ने पूछताछ के दौरान पुलिस को कई प्रकार की जानकारी दी है जिनके आधार पर जांच की जा रही है।

Thursday 12 June 2008

मां ने पिलाया जहर, तीन बच्चों की मौत

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में मां ने अपने तीन बच्चों की जहर पिलाकर हत्या कर दी और खुद भी जहर पी लिया। महिला की हालात गंभीर है। दुर्ग जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के उतई थाना इलाके के अंतर्गत पतोरा गांव में रहने वाली राधाबाई ने जहर पिलाकर तीन बच्चों की हत्या कर दी। उसके बाद उसने खुद भी जहर खा लिया। महिला को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

स्थानीय समाचार पत्रों के अनुसार, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को जब राधाबाई घर में अकेली थी तब उसने अपने तीन बच्चों किरण (9), ईशपाल (7) और जया (5) को जहर पिलाया। उन्होंने बताया कि इस घटना की जानकारी सबसे पहले पड़ोसियों को हुई तब उन्होंने सभी को दुर्ग के जिला अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राधाबाई के दो बच्चों किरण और इशापाल की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई, तब डॉक्टरों ने राधाबाई और जया को भिलाई स्थित सेक्टर नौ के अस्पताल में रेफर कर दिया। वहां गुरुवार सुबह जया की मृत्यु हो गई।

नए प्रेमी के साथ मिलकर, पुराने प्रेमी की हत्या

एमबीए कर रही एक लड़की व उसके प्रेमी को अपने सहपाठी की हत्या के आरोप में एक सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। उन्होंने अपने दोस्त को जहर मिला प्रसाद खिलाकर यह जघन्य अपराध किया। अडिशनल सेशन जज एस. एस. फनसाल्कर जोशी ने बुधवार को अदिति शर्मा व प्रवीण खंडेलवाल को पिछले साल उदित भारती को जहर देने का दोषी ठहराया था। दोनों में से हरेक को दस हजार रूपया जुर्माना भी भरना होगा।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक उदित और आदिति एमबीए करने के लिए 200 में जम्मू से पुणे आए थे। दोनों में प्यार हो गया और पढ़ाई पूरा करने के बाद वे शादी करने वाले थे। प्रवीण जयपुर का रहने वाला था। तीनों की उम्र 24 साल थी। यह प्रेम प्रसंग तब लव ट्राएंगल में बदल गया जब अदिति और प्रवीण को गुड़गांव में नौकरी की पेशकश मिली और वे पुणे से चले गए। वहां काम करते हुए दोनों में गहरे संबंध स्थापित हो गए। उन्हें लगने लगा कि उदित उनकी राह में रोड़ा बनेगा। इस आशंका ने उन्हें उससे छुटकारा पाने की साजिश रचने को मजबूर किया।

अदिति और प्रवीण 22 अपैल 2007 को पुणे लौट आए और अदिति ने चिंचवाड़ स्थित एक लॉज में उदित को बुलाया। वहां उसे जहर मिला प्रसाद दिया गया। उदित की 24 अपैल को मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम से जहर दिए जाने की पुष्टि हुई।

Sunday 8 June 2008

दो करोड़ की धोखाधड़ी में युवती गिरफ्तार

बीएसएनएल के साथ दो करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में कोलकाता खुफिया पुलिस ने मुंबई के मशहूर लोखण्डवाला काम्पलेक्स से एक युवती को गिरफ्तार किया है। उसका नाम बिजीता शेट्ठी है और वह पेशे से कम्प्यूटर इंजीनियर है। चार जून को मुम्बई से गिरफ्तार करने के बाद खुफिया पुलिस उसे शनिवार को कोलकाता ला कर अलीपुर कोर्ट में पेश किय, जहां न्यायाधीश ने अंतरिम जमानत पर उसे रिहा कर दिया। आगामी 12 जून को न्यायाधीश ने उसे पुन: कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया है।

दैनिक जागरण के अनुसार, बिजीता शेट्ठी के खिलाफ बीएसएनएल ने वर्ष 2003 में शिकायत की थी कि उसकी कंपनी बीएसएनएल के सेटेलाइट के माध्यम से बड़े-बड़े शहरों में अपनी कंपनी खोल कर विदेशों में टेलीफोन काल, ईमेल और इंटनेट का धंधा चला रही है। खुफिया पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि वर्ष 2000 से 2002 तक यह कारोबार चलाने के बावजूद बीएसएनएल को एक रुपये भी नहीं दिये जबकि करीब दो करोड़ की रकम हो गयी थी। मामला प्रकाश में आने के बाद बिजीता फरार हो गयी। कुछ दिन पहले पता चला कि उसे मुम्बई में देखा गया है और उसका लोखण्डवाला कम्लेक्स में एक बड़ा फ्लैट है। मंगलवार को कोलकाता पुलिस की विशेष टीम मुम्बई पहुंची और बुधवार को सुबह उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार करने बाद उसे स्थानीय कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमाण्ड पर लेकर पुलिस कोलकाता ले आया गया और अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया जहां न्यायाधीश ने उसकी अर्जी मंजूर करते हुए अंतरिम जमानत दे दी।

Sunday 1 June 2008

सहेली का अश्लील प्रोफाइल नेट पर डाला

दो सहेलियों के बीच मनमुटाव इतना बढ़ा कि एक ने दूसरी का अश्लील प्रोफाइल बनाकर इंटरनेट की एक साइट पर डाल दिया। यह राज तो तब खुला जब पूरा मामला पुलिस की अपराध शाखा के हाथ में आया।

मामला मध्यप्रदेश के इंदौर शहर का है। दो छात्राएं जो कि 12वीं में पढ़ती हैं। इन दोनों के बीच कभी पक्की यारी थी, मगर किसी बात को लेकर मनमुटाव इतना बढ़ गया कि एक ने दूसरी को बदनाम करने की ठान ली। इंदौर पुलिस की अपराध शाखा के पुलिस उपाधीक्षक राजेश व्यास बताते हैं कि एक लड़की ने अपनी सहेली का एक प्रोफाइल बनाया जिसमें अनर्गल बातें लिख डाली। इस प्रोफाइल में जो मोबाइल नम्बर दिया गया था वह सही था। फिर क्या था जिसने साइट पर जाकर इस प्रोफाइल को देखा उसी ने मोबाइल पर फोन करना शुरू कर दिए।

पिछले कुछ अरसे से लगातार आ रहे फोन से जब लड़की परेशान हो गई तो उसने यह बात को परिजनों को बताई। परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस से की। अपराध शाखा ने मामले की जांच शुरू की। जांच के तहत जब पुलिस ने उन मोबाइल धारकों से पूछताछ की जो लड़की के मोबाइल पर फोन करते थे तो हकीकत खुलकर सामने आ गई।

व्यास के अनुसार पुलिस को जांच में पता चला कि फोन करने वालों को लड़की का नम्बर इंटरनेट की साइट से मिला था। इसी आधार पर प्रोफाइल बनाने वाले की खोज की गई तो एक लड़की का नाम सामने आया। प्रोफाइल बनाने वाली लड़की ने भी स्वीकार किया हैं कि उसने सहेली से मनमुटाव होने पर उसका अश्लील प्रोफाइल बनाया था। बाद में दोनों परिवारों के बीच समझौता होने के बाद पुलिस ने अश्लील प्रोफाइल बनाने वाली लड़की को छोड़ दिया।

Monday 26 May 2008

ढाई महीने की बच्ची को छोड़कर भागी मां

बदलते जमाने के साथ ही ममतामयी मां का रुप भी बदल रहा है। महत्वाकांक्षा इतनी बढ़ गई हैं कि एक मां अपने कलेजे के टुकड़े को छोड़कर भाग गई। जहां नोएडा में आरुषि हत्याकांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है, वहीं ग्रेटर नोएडा में भी एक ऐसा मामला सामने आया है। एक मां अपनी ढाई महीने की बच्ची को छोड़कर फरार हो गई। फरार महिला का पिछले 6 दिन से पता नहीं चल सका है। महिला के प्रेमी के साथ भागने की आशंका जताई जा रही है। बिन मां की बच्ची को उसकी 12 साल की मौसी ने सहारा दे रखा है।

ग्रेटर नोएडा के सेक्टर डेल्टा-2 में रहने वाला शिवनाथ 19 मई को जब काम पर से लौटकर अपने घर आया, तो उसकी बीबी गोमती गायब थी। गोमती ने अपनी ढाई महीने की बच्ची संध्या को पड़ोसी के यहां छोड़ दिया था, उसने कहा था कि वह किसी काम से बाहर जा रही है और आधे घंटे में लौट आएगी। जब वह देर रात तक नहीं लौटी तो शिवनाथ ने उसे ढूंढना शुरू किया, लेकिन 6 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक गोमती का कोई पता नहीं चला है।

शिवनाथ ने जब कासना थाने में रिपोर्ट दर्ज करानी चाही, तो पुलिस ने उसे यह कहकर टरका दिया कि दो-चार दिन और ढूंढ लो। शिवनाथ ने बताया कि पहले भी गोमती दिन दिनभर गायब रहती थी। उसके लाख समझाने के बाद भी गोमती पर कोई असर नहीं पड़ता था। गोमती के इस रवैये के कारण कई बार पति-पत्नी के बीच झगड़ा भी हुआ था। उसे मुहल्ले वालों से पता चला है कि उसके पीछे कुछ लड़के उसके घर आते थे। उसने आशंका जताई कि गोमती अपने प्रेमी के साथ भाग गई है।
सौजन्य: नवभारत टाइम्स