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Monday 10 November 2008

दादी ने किया पोती को वेश्यावृत्ति पर मजबूर

एक दादी व उसके दो बेटों पर यह आरोप है कि उन्होंने नाबालिग पोती को जबरन जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल दिया। इस घटना में तीन और लोग भी शामिल हैं। बुटाना पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर उसकी दादी, दो चाचा सहित 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है। आरोपी पिछले दो महीने से नाबालिग को डरा-धमाकर उससे जबरन वेश्यावृत्ति करा रहे थे। नाबालिग दसवीं की छात्रा बताई जा रही है। राष्ट्रीय सहारा में विकास सुखीजा की रिपोर्ट है कि पुलिस ने नाबालिग का मेडिकल चेकअप करा लिया है। साथ ही अमित गर्ग की अदालत में पेशकर बयान कलमबंद करा दिए हैं। इसके बाद पुलिस ने उसे एसडीएम के समक्ष भी पेश किया जहां पर नाबालिग के कहने पर उसे उसकी बहन को सौंपा गया है।

गांव बैडसाल निवासी स्व. नरेंद्र सिंह की 15 वर्षीय बेटी कविता (बदला हुआ नाम) अपनी बहन के साथ थाने आकर अपनी दादी अमरजीत कौर, चाचा जोगिंद्र सिंह, सर्वजीत सिंह व तीन अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दी कि ये लोग उससे पिछले दो माह से डरा-धमकाकर वेश्यावृति करा रहे हैं। मना करने पर ये लोग उसके साथ मारपीट करते थे। पीड़िता ने बताया कि अभी तक उसके साथ कई दर्जन लोगों ने जबरन शारीरिक सबंधं बनाए हैं। इसी शहर की एक दादी पर अपने पोते-पातियों को जन्म से पहले मार देने का सनसनीखेज आरोप लगा था।

Sunday 9 November 2008

दादी बनी कंस: आठ बार बहू का गर्भ गिरवाया

राजा कंस की कहानी राजा कर्ण की नगरी में फिर से दोहराई गई है। फर्क केवल इतना है कि उस समय देवकी के बच्चे जन्म ले चुके थे लेकिन इस कहानी में मासूमों को गर्भ के भीतर ही मार दिया गया। बेहद आश्जर्यजनक बात यह है कि इस दरिंदगी को किसी मामा ने नहीं बल्कि एक दादी मां ने अन्धविश्वास के चलते अन्जाम दिया है।

मामला उस समय सामने आया जब एक बार फिर दादी ने अपनी बहू का अपहरण करने के बाद उसके पेट में पल रहे आठ माह के बच्चे का जबरन गर्भपात करा दिया और उसे गंभीर हालत में स्थानीय बस स्टैंड के बाहर फेंककर फरार हो गई। ये उनका आठवां बच्चा था। तांत्रिकों के मकड़जाल में फंसी सास ने आठ बार तांत्रिक सिद्धि से अपनी बहू की कोख में पल रहे बच्चों को पैदा होने से पहले ही मार डाला। आठवां गर्भ गिरने के बाद बेहोशी की हालत में विवाहिता को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने आनंद विहार की रहने वाली विवाहिता कांता के बयान दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

अस्पताल में उपचाराधीन विवाहिता कांता के भाई राजेंद्र ने आरोप लगाया कि कांता की सास ने अपने पुत्र के मोह में फंसकर आठ बार गर्भ गिरवाने का काम किया है। किसी तांत्रिक ने कांता की सास को यह कहा था कि अगर वह बच्चे को जन्म देगी तो उसके पुत्र की मृत्यु हो जाएगी कांता के परिजन बार-बार गर्भ गिरने से काफी हताश थे।

कांता के भाई राजेंद्र का कहना है कि इस बार वह अपनी बहन को राजौंद से करनाल ले आए थे और यहां उसके बच्चे को जन्म देने का मन बनाया था। राजेंद्र का कहना है कि उन्होंने अपनी बहन कांता की शादी करीब 12 वर्ष पहले कैथल जिले के राजौंद निवासी विजय से की थी। उसकी बहन आठ बार गर्भवती हुई, लेकिन एक भी संतान को वह जन्म नहीं दे पाई। राजेंद्र का कहना है कि इस बार उसकी बहन के गर्भ में आठ माह का बच्चा था, लेकिन इस बार भी उसके बच्चे को पैदा होने से पहले ही खत्म कर दिया गया। कांता की सास ने फिर उसकी बहन का अपहरण कर लिया और तांत्रिक सिद्धि से उसके गर्भ को गिरा डाला है। कांता को कार में सवार होकर आए दो व्यक्तियों की मदद से उसकी सास उठाकर ले गई थी। बेहोशी की हालत में उसकी बहन करनाल के बस अड्डे पर मिली। कांता के पति विजय ने भी आशंका जताई है कि उसकी मां ने बच्चों को कोख में ही मारने का काम किया है। पुलिस ने अस्पताल में कांता के बयान दर्ज करने के बाद छानबीन शुरू कर दी है।

Friday 7 November 2008

बेटा पैदा करने के लिए कोई दबाव नहीं, फिर भी एक माँ ने तीन बेटियों को मार डाला

एक बेटा पैदा करने की चाहत में उड़ीसा के पुरुषोत्तम गांव की एक 31 वर्षीया महिला शुभद्रा दास ने 5 नवम्बर को अपनी 7 वर्षीय बेटी पद्मिनी को नींद में ही घर के पिछवाड़े में बने तालाब में ले जाकर डूबो दिया। इसी तरह उसने अपनी दूसरी बेटी 4 वर्षीया सुमित्रा को भी मार डाला। जब पुलिस को तलाब से दो बच्चियों की लाश मिली, तो उसने शुभद्रा से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान शुभद्रा ने इस बात का खुलासा किया कि, कुछ हफ्ते पहले ही उसने अपनी तीसरी नौ महीने की बच्ची का गला घोंटकर हत्या की है। चौंकाने वाली बात यह है कि शुभद्रा ने ये बात स्वीकार की, उसने अवसाद और परेशानी में ऐसा अमानवीय काम किया।  अवसाद से घिरी शुभद्रा ने खुद को भी मारना चाहा, लेकिन वो जिंदा बच गई। शुभद्रा ने कहा कि, “मैंने अपनी तीनों बेटियों को मारने के बाद खुद भी आत्महत्या करने की कोशिश की। लेकिन इसके बावजूद मैं जिंदा बच गई।” पुलिस का कहना है कि शुभद्रा दास पर अपने पति या फिर ससुराल वालों की तरफ से बेटा पैदा करने के लिए कोई दबाव नहीं था।

सीएनएन-आईबीएन पर जजाति करण के अनुसार केन्द्रपाड़ा के उप-प्रभागीय पुलिस अधिकारी जयदेव सारंगी ने कहा कि, “जांच के बाद हमें मालूम चला कि शुभद्रा को इस बात का मलाल था कि बेटा न होने की वजह से उसके परिवार में अंतिम संस्कार कोई नहीं कर पाएगा, और इसी बात से वह काफी परेशान थी।”  सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह की हत्याएं धार्मिक मान्यताओं के चलते होती है। ऐसे ही एक सामाजिक कार्यकर्ता दीप्ति रंजन दास ने कहा कि, “हमारे यहां ‘पिंड दान’ जैसी कई प्रथाएं हैं जिसे केवल एक बेटा ही सम्पन्न कर सकता है, और ऐसी प्रथाएं ही लोगों को ऐसे अमानवीय कार्य करने के लिए मजबूर करती है।



जजाति करण का आगे कहना है 'शायद यही वजह है कि शुभ्रदा दास जैसी महिलाएं अपनी तीन बेटियों की हत्या करने के बाद भी एक बूंद आंसू नहीं बहाती हैं।'

Monday 3 November 2008

चार प्रेमियों की मदद से पति को मार डाला

बिजनौर के ग्राम हिदायतपुर चौहड़वाला निवासी पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य की, उसकी पत्नी ने चार प्रेमियों के साथ हथौड़े से प्रहार कर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी महिला को एक प्रेमी समेत गिरफ्तार कर लिया है। उस समय हर कोई हतप्रभ रह गया जब इस शातिर महिला ने न केवल प्रेमी लीला सिंह के साथ रहने की इच्छा जताई बल्कि खुलेआम कहा कि पति की हत्या करने का उसे कोई अफसोस नहीं है। उसने अपने चारों बच्चों से भी नाता तोड़ने का एलान पुलिस के सामने ही कर दिया।

ग्राम हिदायतपुर चौहड़वाला निवासी 50 वर्षीय पूर्व बीडीसी सदस्य परमानंद धीमान की पशुशाला में सोते समय 30 अक्टूबर की रात लगभग 11 बजे हत्या कर दी गई। जांच के दौरान सुराग मिला कि हत्या उसकी पत्नी 47 वर्षीया दयावती ने चार प्रेमियों की मदद से की। पूछताछ में दयावती टूट गई और बताया कि उसने गांव के ही चार प्रेमियों लीला, दलवीर सिंह, हरकेश व करन के साथ मिलकर पति को मौत के घाट उतार दिया। उसने बताया कि अवैध संबंधों को लेकर पति उसे आये दिन डांटता व पीटता था। उससे निजात पाने के लिये ही उसने चारों प्रेमियों के साथ योजना बनाकर हत्या कर दी।