मुम्बई की ख़बर है, पति के साथ हुए झगड़े के बाद गुस्साई एक मां ने चलती लोकल में से अपने तीन साल के बेटे को भाईंदर खाड़ी में फेंक दिया और उसके बाद नौ साल की बेटी व सात वर्षीय दूसरे बेटे के साथ स्वयं छलांग लगाने की कोशिश की। डिब्बे में रही अन्य महिला यात्रियों ने उस महिला व बच्चों को पकड़ लिया जिससे उनकी जान बच गई। तीन वर्षीय यश नामक लड़के की खाड़ी में फेंके जाने से मौत हो गई।
मुम्बई के मालाड स्थित कुरार व्हिलेज में रहने वाली छाया का उसके पति के साथ अक्सर घर की बातों को लेकर झगड़ा होता रहता था। नवभारत टाइम्स के अनुसार, एक औद्योगिक इकाई में काम करने वाला पति कमलाकर कदम दोपहर के खाने के लिए घर आया और उसने पत्नी को खाना गरम करने को कहा। उसी वक्त पति पत्नी में किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ। गुस्साई पत्नी ने तीन वर्षीय बेटे यश, सात साल के घनश्याम एवं दस वर्षीय बेटी वर्षा को अपने साथ लिया और ट्रेन पकड़ कर विरार गई और फिर विरार से चर्चगेट की ओर आने लगी। उसी दौरान लोकल जैसे ही भाईंदर खाड़ी पर पहुंची उसने यश को खाड़ी में फेंक दिया और अन्य दो बच्चों के स्वयं आत्महत्या करने के लिए छलांग लगानी चाही।
अपडेट-27 अगस्त: छाया कदम ने भायखला जेल के शौचालय में फांसी लगा ली। जेल में बंद छाया ने अपनी साड़ी को फांसी का फंदा बनाया।
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Saturday, 23 August 2008
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