
अभियोजन पक्ष के मुताबिक उदित और आदिति एमबीए करने के लिए 200 में जम्मू से पुणे आए थे। दोनों में प्यार हो गया और पढ़ाई पूरा करने के बाद वे शादी करने वाले थे। प्रवीण जयपुर का रहने वाला था। तीनों की उम्र 24 साल थी। यह प्रेम प्रसंग तब लव ट्राएंगल में बदल गया जब अदिति और प्रवीण को गुड़गांव में नौकरी की पेशकश मिली और वे पुणे से चले गए। वहां काम करते हुए दोनों में गहरे संबंध स्थापित हो गए। उन्हें लगने लगा कि उदित उनकी राह में रोड़ा बनेगा। इस आशंका ने उन्हें उससे छुटकारा पाने की साजिश रचने को मजबूर किया।
अदिति और प्रवीण 22 अपैल 2007 को पुणे लौट आए और अदिति ने चिंचवाड़ स्थित एक लॉज में उदित को बुलाया। वहां उसे जहर मिला प्रसाद दिया गया। उदित की 24 अपैल को मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम से जहर दिए जाने की पुष्टि हुई।
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