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Tuesday 17 June 2008

"मैं तुम्हारे पास आ रही हूँ" और वह चली गयी

स्यूसाइड नोट में उसकी सुंदर लिखावट देखकर पुलिस वाले भी हैरत में रह गए। उसने लिखा है कि 'मुकेश, मैं तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करती हूं। मैं तुम्हारे बगैर नहीं रह सकती। मैं तुम्हारे पास हमेशा के लिए आ रही हूं।' प्रेमी की खुदकुशी के बाद डिप्रेशन में चली गई प्रेमिका ने जहर खाकर अपनी जान दे दी। कम्प्यूटर इंजीनियरिंग कर रही लड़की ने अंग्रेजी में लिखे स्यूसाइड नोट में हमेशा के लिए अपने प्रेमी के पास जाने की बात लिखी है। उसके पिता रक्षा मंत्रालय में नौकरी करते हैं। शिल्पी के प्रेमी मुकेश ने 19 मार्च को उसके घर के सामने खुदकुशी की थी।

यह हादसा शनिवार रात 12 बजे नजफगढ़ के जय विहार फेज-2 में हुआ। सीआरपीएफ के 'बनी कैम्प' के नजदीक मकान नंबर बी-5 में रहने वाले परमसुख वर्मा की बेटी शिल्पी वर्मा (19) ने जहर खा लिया। उल्टियां होने पर वे उसे हॉस्पिटल ले गए। इलाज के दौरान डीडीयू हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गई। शिल्पी का अंग्रेजी में लिखा स्यूसाइड नोट पुलिस को बरामद हुआ है। उसने लिखा है कि 'मुकेश, मैं तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करती हूं। मैं तुम्हारे बगैर नहीं रह सकती। मैं तुम्हारे पास हमेशा के लिए आ रही हूं।'

शिल्पी नजफगढ़ में प्राइवेट इंस्टिट्यूट से कम्प्यूटर इंजीनियरिंग कर रही थी। उसकी जान पहचान दीनपुर गांव के रहने वाले मुकेश से हो गई थी। दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन उनके परिवार इसके लिए तैयार नहीं थे। दोनों की जातियां अलग थीं। परिवारों के विरोध के चलते दोनों 16 मार्च को घर से लापता हो गए थे।

दो दिन बाद दोनों के घरवाले उन्हें नरेला से पकड़ कर ले आए और दोनों को अलग कर दिया। 19 मार्च की रात मुकेश शिल्पी के घर के सामने पहुंचा। शिल्पी के पिता ने उसे भगा दिया। कुछ देर बाद आकर मुकेश ने अपने ऊपर कैरोसिन डालकर खुद को आग के हवाले कर दिया। अगली सुबह सफदरजंग हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गई थी।
इस घटना के बाद शिल्पी डिप्रेशन में चली गई थी। चिंता में पड़े उसके परिवार के लोग उसका खास ख्याल रखते थे। एक महीने से वह ठीक रहने लगी थी। शिल्पी मेधावी छात्रा थी।
(समाचार नवभारत टाइम्स के सौजन्य से)

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